Saranda News: झारखंड के सारंडा और लौहांचल क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार को भारी बारिश के कारण गुवा और बड़ाजामदा जैसे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। स्थानीय लोगों ने जल निकासी व्यवस्था की विफलता और नालियों पर अतिक्रमण को इस आपदा का प्रमुख कारण बताया है।
बड़ाजामदा में जलमग्न सड़कें और घर
बड़ाजामदा शहर में स्थिति बेहद खराब है, जहां सड़कों पर 4 फीट तक पानी जमा हो गया है। बड़ाजामदा फुटबॉल मैदान के आसपास करीब 20 घर बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं। बारिश का पानी सीधे घरों में घुस गया, जिससे फर्नीचर, राशन, और अन्य सामान को भारी नुकसान हुआ है।
कई जगहों पर गाड़ियां पानी में डूब गईं, और लोग घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नालियों पर अतिक्रमण और नगर प्रशासन की ओर से नियमित सफाई न होने के कारण जल निकासी के रास्ते बंद हो गए हैं। चौड़ी नालियों को लोगों ने घरों, गैरेज, और दुकानों में बदल दिया है, जिससे बारिश का पानी निकल नहीं पा रहा।
कारों नदी पर आवागमन ठप
बोकरो के पंचमुखी मंदिर के पास कारों नदी पर बना लोहे का पुल पानी के तेज बहाव में डूब गया है। इसके चलते इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। सारंडा की ऊंची पहाड़ियों से बहकर आए पानी ने निचले इलाकों में तबाही मचा दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह स्थिति हर साल बारिश के मौसम में दोहराई जाती है, लेकिन प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं कर रहा।
स्थानीय निवासियों में प्रशासन और अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ गुस्सा है। एक निवासी ने कहा, “हर साल बारिश आती है, और प्रशासन हर साल सोता रहता है। जब घर डूब जाते हैं, तब अधिकारियों की आंख खुलती है।” लोग नालियों की सफाई और अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं। इसी तरह की समस्या अन्य क्षेत्रों में भी देखी गई है, जैसे औरंगाबाद में जलजमाव के कारण लोगों का आक्रोश और पूर्वी सिंहभूम में दुकानों में पानी घुसने से नुकसान।