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सोनिया गांधी और राहुल की फिर बढ़ेगी परेशानी!

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नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Affairs) को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस (Sonia Gandhi and Rahul) के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।

सूत्रों के मुताबिक ED ने जांच में पाया है कि कांग्रेस के स्वामित्व वाले यंग इंडियन से जुड़े संदिग्ध ट्रांजैक्शन शेल कंपनियों के जरिए किए गए।

इसके बाद गांधी परिवार और नेशनल हेराल्ड केस (Gandhi family and National Herald case) से जुड़े लोगों को नए समन भेजने की संभावना है। क्योंकि ED ने जांच में पाया कि करीब 4-5 करोड़ रुपये का ‘संदिग्ध लेन-देन’ हुआ है।

राहुल की तरह सोनिया गांधी के पास भी 38 फीसदी हिस्सेदारी है

केंद्रीय एजेंसी ईडी (Central Agency ED) के सूत्रों ने बताया कि सोनिया और राहुल गांधी के लिए नई मुश्किलें आने वाली हैं। क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी जांच में कांग्रेस के स्वामित्व वाले यंग इंडियन में संदिग्ध लेनदेन पाया है।

सूत्रों ने कहा कि लगभग 4-5 करोड़ रुपये का लेनदेन मुखौटा कंपनियों के माध्यम से किया गया था। सूत्रों ने कहा कि ईडी पहले ही इन मुखौटा कंपनियों के मालिकों/शेयरधारकों/निदेशकों के बयान दर्ज कर चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि पवन बंसल, खड़गे,सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित यंग इंडियन (Young Indian) के सभी पदाधिकारियों को जल्द ही तलब किया जाएगा। इन संदिग्ध लेन-देन से जुड़े सबूतों को उन्हें दिखाया जाएगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया और उनके सांसद-पुत्र राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में शामिल हैं।

राहुल की तरह Sonia Gandhi  के पास भी 38 फीसदी हिस्सेदारी है। यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार के मालिक यंग इंडियन में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच से जुड़ा है।

संसद सत्र के ठीक बीच में खड़गे को जारी समन की भी आलोचना की

नेशनल हेराल्ड, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journals Limited) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है।

समाचार पत्र कार्यालय एजेएल के नाम से पंजीकृत है। ED ने नेशनल हेराल्ड मामले में चल रही जांच के तहत अगस्त में दिल्ली में यंग इंडियन के कार्यालय की तलाशी ली थी।

छह घंटे से अधिक समय तक चली तलाशी पार्टी के वरिष्ठ नेता खड़गे की मौजूदगी में हेराल्ड हाउस (Herald House) की इमारत में की गई। कांग्रेस पार्टी ने संसद सत्र के ठीक बीच में खड़गे को जारी समन की भी आलोचना की थी।

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