Homeबिहारबिहार सरकार के जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार...

बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: बिहार (Bihar) में जाति सर्वेक्षण (Caste Survey) कराने के फैसले को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सहमत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट (SC) इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (Chief Judge) डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए याचिका लगाई।

याचिका नालंदा के एक सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि यह निर्णय केंद्र सरकार (Central Government) के अधिकार क्षेत्र में आता है।

बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा (Justice P.S. Narasimha) ने मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने की याचिका को स्वीकार कर लिया।

याचिका में जाति सर्वेक्षण के संबंध में बिहार सरकार के उप सचिव द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने और संबंधित अधिकारियों को रोकने की मांग की गई है।

बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

जाति विन्यास के संबंध में संविधान में कोई प्रावधान नहीं

इसमें कहा गया है कि जाति विन्यास (Caste System) के संबंध में संविधान में कोई प्रावधान नहीं है।

अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा द्वारा तैयार की गई याचिका में तर्क दिया गया है कि यह कदम अवैध, मनमाना, तर्कहीन, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक होने के अलावा, संविधान की मूल संरचना के खिलाफ भी है।

इसमें आगे तर्क दिया गया कि जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा -3 के अनुसार, केंद्र को भारत के पूरे क्षेत्र या किसी भी हिस्से में जनगणना (Census) कराने का अधिकार है।

 

दलील में कहा गया है कि जनगणना अधिनियम, 1948 की योजना यह स्थापित करती है कि कानून में जाति जनगणना पर विचार नहीं किया गया है और राज्य सरकार के पास जाति जनगणना (Caste Census) करने का कोई अधिकार नहीं है।

इसमें दावा किया कि 6 जून, 2022 की अधिसूचना ने संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया, जो कानून के समक्ष समानता और कानून की समान सुरक्षा प्रदान करता है।

साथ ही कहा गया, राज्य सरकार कार्यकारी आदेशों द्वारा इस विषय पर कानून के अभाव में जाति जनगणना नहीं कर सकती है। बिहार राज्य में जाति जनगणना के लिए जारी अधिसूचना में वैधानिक स्वाद और संवैधानिक स्वीकृति का अभाव है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...