Ranchi News: ग्यारहवीं झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) सिविल सेवा (विज्ञापन 1/2024) की मुख्य परीक्षा की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
राजेश प्रसाद सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर जस्टिस दीपक रोशन की कोर्ट ने JPSC को नोटिस जारी कर कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने JPSC को शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
याचिकाकर्ताओं का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि JPSC ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में डिजिटल मूल्यांकन किया, जो नियमों के खिलाफ है, क्योंकि इसका कोई प्रावधान नहीं है।
साथ ही, थर्ड पार्टी एजेंसी के जरिए मूल्यांकन कराया गया, लेकिन इस एजेंसी की जानकारी, टेंडर प्रक्रिया या अन्य विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए।
गेस्ट फैकल्टी पर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 10 साल से अधिक अनुभव वाले विश्वविद्यालय शिक्षकों या 5 साल से ज्यादा अनुभव वाले पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होल्डर शिक्षकों से कराया जाना चाहिए था।
लेकिन JPSC ने सिर्फ दो साल अनुभव वाले गेस्ट फैकल्टी से कॉपियों की जांच कराई। याचिकाकर्ताओं ने मेरिट लिस्ट रद्द कर दोबारा मूल्यांकन की मांग की है।
कोर्ट का निर्देश
हाई कोर्ट ने JPSC से डिजिटल मूल्यांकन, थर्ड पार्टी एजेंसी और गेस्ट फैकल्टी से कॉपी जांच के मुद्दों पर जवाब मांगा है। JPSC को शपथ पत्र के जरिए इन सवालों का जवाब देना होगा।