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चुनाव के ऐलान के साथ ही लागू हो जाती है आदर्श आचार संहिता, आज जानिए…

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Model Code of Conduct : भारतीय संविधान के मुताबिक देश में चुनाव कराने की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की है। चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होती है।

भारतीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाली विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव की घोषणा के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो चुकी है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि आचार संहिता क्या है और इसके नियम क्या हैं।

निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव

दरअसल देश के किसी भी राज्य या क्षेत्र में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव का आयोजन होता है, तब चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही उस राज्य या क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। इसका मकसद देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव करना होता है।

इसके तहत कुछ नियमों को भी तय किया जाता है, जिसका पूरे चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है।

उल्लंघन पर कार्रवाई

आचार संहिता के उल्लंघन पर क्या होता है? लेकिन यदि किसी राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है, तब चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई करती है।

उदाहरण के तौर पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है। इसके अलावा यदि जरूरत पड़ने पर खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है और नियमों के उल्लंघन पर जेल जाना भी पड़ सकता है।

राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम

किसी भी स्थान पर सभा करने से पहले सभा और उसके समय की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी जाए। सभा में अगर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता हैं, तब उसके लिए पुलिस अधिकारियों से पहले अनुमति लेनी होगी। दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा लागू नहीं है।

सत्ताधारी दल के लिए नियम

सरकार के मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार का कार्य न करें। शासकीय दौरों में शासकीय मशीनरी और कर्मचारियों का इस्तेमाल न करना।

राजनीतिक दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विमान या गाड़ियों का प्रयोग न करना। हेलीपैड पर एकाधिकार न जताएं।

विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार न जमाना। प्रचार और राजनैतिक दल के हितों के साधने के लिए इन स्थानों का प्रयोग न करना। सरकारी पैसे पर विज्ञापनों के जरिए सरकार की उपलब्धियां न बताना। शासकीय दौरे पर जब मंत्री Circuit House में ठहरें हों, तब उनके साथ गार्ड लगाए जाएंगे।

आचार संहिता के सामान्य नियम

आचार संहिता के दौरान कोई भी राजनैतिक दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद या घृणा फैले। राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम नीतियों तक सीमित हो, आलोचनाएं व्यक्तिगत नहीं होनी चाहिए।

धार्मिक स्थानों का उपयोग नहीं करना है

धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं होना चाहिए। वोट पाने के लिए भ्रष्ट आचरण जैसे, रिश्वत देना, मतदाओं को परेशान करना या धमकी देना या किसी तरह का लालच देना पर पांबदी रहती है।

जिस व्यक्ति की संपत्ति है उसकी सहमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का प्रयोग न करें। किसी भी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें। राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील न करें, जिससे किसी की धार्मिक या जीतीय भावनाएं आहत होती हों।

जुलूस संबंधी नियम

जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति के समय की सूचना पहले से पुलिस अधिकारियों को देनी होती है। यातायात प्रभावित न हो, इसे ध्यान में रखकर ही जुलूस किया जाए।

जुलूस और राजनैतिक सभाओं को लेकर पुलिस अधिकारियों को पहले जानकारी दी जाए और अनुमति ली जाए। सड़क के दायीं ओर से जुलूस निकाली जाए। राजनैतिक जुलूस (Political procession) में किसी ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों किया जा सके।

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