Washington/Tehran News: इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग के 8वें दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ इजरायल के हवाई अभियान में अमेरिका की भागीदारी पर फैसले के लिए दो हफ्ते की समयसीमा दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि ट्रंप तेहरान और वाशिंगटन के बीच परमाणु मुद्दे पर कूटनीतिक बातचीत के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
लेविट ने बताया कि ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के साथ कई बार फोन पर बात की है। उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते में ईरान को यूरेनियम संवर्धन रोकना होगा और परमाणु हथियार बनाने की उसकी क्षमता को पूरी तरह खत्म करना होगा।
लेविट ने जोर देकर कहा, “राष्ट्रपति हमेशा कूटनीतिक समाधान में रुचि रखते हैं। अगर कूटनीति का मौका मिलता है, तो वह इसका फायदा उठाएंगे। लेकिन वह ताकत का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकेंगे।”
ईरान की सभी परमाणु सुविधाओं पर करेंगे हमला
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि उनका अभियान “निर्धारित समय से पहले” चल रहा है। इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने कहा कि वे एक-दो हफ्ते में ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करने के अपने लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।
नेतन्याहू ने कहा, “हम फोर्डो सहित ईरान की सभी परमाणु सुविधाओं पर हमला कर सकते हैं। हमारे पास यह क्षमता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इस अभियान में शामिल हो या नहीं, यह पूरी तरह ट्रंप का फैसला है।
लेविट के बयान से कुछ घंटे पहले, एक इजरायली अधिकारी ने ‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ को बताया कि जेरूसलम को उम्मीद है कि ट्रंप अगले कुछ दिनों में इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ हमलों में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं। अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि वे शामिल होंगे, लेकिन कोई उन पर दबाव नहीं डाल रहा। यह ट्रंप का निजी निर्णय होगा।”
अमेरिका की स्थिति और आंतरिक मतभेद
ट्रंप ने पहले कूटनीति पर जोर दिया था, लेकिन उनकी हालिया टिप्पणियों ने सैन्य कार्रवाई की संभावना को भी खुला रखा है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की और दावा किया कि अमेरिका के पास “ईरान के आसमान पर पूरा नियंत्रण” है।
हालांकि, उनकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मार्च में कांग्रेस में गवाही दी थी कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम नहीं कर रहा, जिसे ट्रंप ने खारिज कर दिया।
ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” समर्थकों में इस मुद्दे पर मतभेद हैं। सीनेटर रैंड पॉल और मार्जोरी टेलर ग्रीन जैसे नेता अमेरिका के युद्ध में शामिल होने का विरोध कर रहे हैं, जबकि सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया है।