Homeझारखंडविधायक सरयू राय ने लिखा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र

विधायक सरयू राय ने लिखा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र

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रांची: राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने सोमवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो को पत्र लिखा है।

यह पत्र उन्होंने विश्व जल दिवस (22 मार्च) पर राज्य में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये विधानसभा से संकल्प पारित करने के संबंध में है।

विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में राय ने लिखा है कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस है। हमारी राष्ट्रीय जल नीति में पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है लेकिन झारखंड में ऐसी स्थिति नहीं है।

यहां प्राथमिकता पेयजल उपलब्ध कराने की नहीं, बल्कि औद्योगिक जल उपलब्ध कराने की है। राज्य सरकार का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भी पूरी क्षमता से अपना दायित्व नहीं निभा पा रहा है।

फलतः ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा है। शहरी जलापूर्ति का जिम्मा नगर विकास विभाग के पास है।

आवश्यक तकनीकी संरचना उपलब्ध नहीं होने के कारण नगर विकास विभाग इसमें सक्षम नहीं हो पा रहा है। जमशेदपुर जैसे शहर में तो पेयजल आपूर्ति का काम पूरी तरह वहां के बड़े उद्योगों के पास है।

पेयजल की किल्लत…

विडंबना है कि जमशेदपुर के कई इलाकों में नागरिकों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। टाटा लीज क्षेत्र की दर्जनों बस्तियों के हजारों लोगों तक पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था अभी तक नहीं पहुंची है।

कई इलाकों में जहां पहुंची वहां का पेयजल स्वच्छता के मानकों के अनुरूप नहीं है। जबकि टाटा लीज समझौता के अनुसार जमशेदपुर के नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराना टाटा स्टील लिमिटेड की जिम्मेवारी है।

गर्मी का मौसम आरम्भ हो गया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि इसके साथ ही पेयजल की किल्लत भी आरम्भ हो गई है।

ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ऐसे स्थानों की पहचान की जाये, जहां पेयजल की भीषण कठिनाई है।

पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों को संकट की प्रचंडता के अनुरूप राज्य के नक्शे पर अलग-अलग रंगों में चित्रित कर वहां प्रतिदिन पर्याप्त पेयजल पहुंचाने की त्वरित व्यवस्था की जानी चाहिये।

शहरी इलाकों में नगरपालिकाओं को और ग्रामीण इलाकों में पंचायत परिषदों को इस कार्य के लिये सरकार अतिरिक्त निधि आवंटित करे ताकि गर्मी के मौसम में वहां पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने अनुरोध किया है कि विधानसभा में 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर आसन की ओर से उपर्युक्त आशय का एक संकल्प रखा जाय और सरकार को इसका संज्ञान लेकर समुचित कारवाई करने का निर्देश दिया जाय।

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