Homeबिहारभागलपुर-गोपालगंज विस्फोट मामले की जांच पूरी, ATS ने कहा- आतंकी कनेक्शन नहीं

भागलपुर-गोपालगंज विस्फोट मामले की जांच पूरी, ATS ने कहा- आतंकी कनेक्शन नहीं

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

पटना/भागलपुर: बिहार के भागलपुर और गोपालगंज में बीते दिन हुए विस्फोट में 16 लोगों की मौत मामले की जांच पूरी कर ली गई है।

आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) की टीम ने जांच रिपोर्ट में आतंकी कनेक्शन की बात से इनकार किया है। एटीएस का कहना है कि इन घटनाओं का कोई आतंकी या देश विरोधी गतिविधियों का कनेक्शन नहीं था।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों ही जगहों पर हुआ ब्लास्ट एक जैसा था। कहीं भी आईडी या हाई डेंसिटी वाले विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं हुआ है। दोनों ही घटनाओं के पीछे की वजह पटाखा ही बताया गया है।

एटीएस के एडीजी रवींद्रण शंकरण ने जांच रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी संजीव कुमार सिंघल को सौंपी है। इसमें दोनों जगहों के ब्लास्ट में कोई आतंकी कनेक्शन नहीं होना बताया गया है।

लोकल स्तर पर बरती गई लापरवाही का यह नतीजा है। साथ ही रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चीन में बने पटाखों पर विशेष नजर तो रखनी ही होगी।

दोनों ही घटनाओं में पटाखे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रासायनिक पदार्थ बरामद हुए हैं। साथ ही पूरे तरह से बने हुए और अधूरे पटाखे भी जांच के दौरान मिले हैं।

भागलपुर और गोपालगंज में जिन घरों में ब्लास्ट हुआ, वहां रहने वाले परिवार पटाखा बनाते थे और बेचते थे, उनके पास इसका कोई लाइसेंस नहीं था।

जांच में ऐसी बात आई है कि अवैध तरीके से पटाखा का कारोबार करने वाले इन लोगों के पास उसे बनाने और उसके स्टॉक करने की जानकारी की कमी थी, जो ब्लास्ट के पीछे की सबसे बड़ी वजह है।

भागलपुर और गोपालगंज के जिस घर में ब्लास्ट हुआ, वो बेहद संकरे और घनी आबादी वाले इलाके में बने हुए थे। इस कारण ब्लास्ट का प्रभाव काफी बड़ा हुआ।

पटाखा बनाने में रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल कितनी मात्रा में करना है, इसकी सही जानकारी किसी को नहीं थी।

ऐसे में दोनों घटनाओं के पीछे यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है। भागलपुर ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि गोपालगंज ब्लास्ट में एक व्यक्ति मरा था।

एटीएस का सुझाव

एटीएस ने सुझाव देते हुए कहा है कि घनी आबादी और संकरे इलाके में कभी भी पटाखा नहीं बनना चाहिए और ऐसे इलाकों में स्टॉक व बेचने पर भी रोक लगानी होगी।

अवैध तरीके से पटाखा बनाने वालों को रासायनिक पदार्थ कौन उपलब्ध करा रहा है, इसके स्रोत का पता लगाकर रोक लगाना होगा। इसके लिए ठोस कार्रवाई करनी होगी।

विदेशों में खासकर चीन से बने हुए आने वाले पटाखों पर विशेष नजर रखने की बात एटीएस ने अपनी रिपोर्ट में की है।

बिहार में इसके कारोबार और ट्रांसपोर्टेशन पर नियंत्रण रखने को कहा गया है। इसके लिए सभी संबंधित एजेंसियों को विशेष चौकसी बरतनी होगी।

रिपोर्ट में सुझाव के तौर पर अंत में एक बेहद महत्वपूर्ण बात लिखी गई है। एटीएस ने लिखा है कि इस बात की निगरानी होनी चाहिए कि पटाखा बनाने की आड़ में रासायनिक पदार्थों और विस्फोटकों की सप्लाई असामाजिक तत्वों व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को न हो पाए।

सभी जिलों में पटाखा बनाने, उसे बेचने, स्टॉक करने और उसके ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी थाना स्तर पर उपलब्ध होनी चाहिए।

अवैध काम करने वाले व्यक्तियों और प्रतिष्ठानों की पहचान कर जांच हो और कानूनी कार्रवाई की जाए। पटाखे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए टाइम-टाइम पर जांच की जानी चाहिए।

लाइसेंस धारी पटाखा बनाने, उसे बेचने, स्टॉक और ट्रांसपोर्टेशन के दरम्यान नियम और शर्तों का पालन कर रहे हैं या नहीं, समय-समय पर इसे भी चेक करना होगा।

spot_img

Latest articles

जिला अदालत भवन निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, मांगी पूरी रिपोर्ट

High Court Strict on Construction of District court Building : राज्य की जिला अदालतों...

पलामू में आधुनिक पुलिस व्यवस्था की ओर बड़ा कदम, बनेगा 6 मंजिला बहुउद्देश्यीय पुलिस भवन

Major step Towards Modern Policing in Palamu: पलामू जिले में पुलिस व्यवस्था को और...

स्मार्ट मीटर में बैलेंस नेगेटिव होते ही कट रही बिजली, रांची में हजारों कनेक्शन बंद

Electricity Department Tightens Rules : रांची में स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers)...

खबरें और भी हैं...