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तलाक-ए-हसन : पति ने भेजा तलाक का दूसरा नोटिस, पीड़िता ने की जल्द सुनवाई की मांग

मुस्लिम लड़कियों को भी बाकी लड़कियों जैसे अधिकार मिलने चाहिए

नई दिल्ली: तलाक-ए-हसन पीड़ित बेनजीर हिना की तरफ से वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जल्द सुनवाई की मांग की।

पिंकी आनंद ने जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली वकेशन बेंच से कहा कि पति ने तलाक का दूसरा नोटिस भेजा है।

इस पर जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि आप रजिस्ट्रार के पास जाइये। उनसे जल्द सुनवाई की मांग कीजिए। उनके इनकार करने पर आप बेंच के सामने अपनी बात रख सकते हैं।

याचिका में मांग की गई है कि मुस्लिम लड़कियों को भी बाकी लड़कियों जैसे अधिकार मिलने चाहिए।

वकील अश्विनी उपाध्याय के जरिये दाखिल याचिका में बेनजीर ने बताया है कि उनकी 2020 में दिल्ली के यूसुफ नकी से शादी हुई थी। उनका सात महीने का बच्चा भी है।

दिसंबर 2021 में पति ने एक घरेलू विवाद के बाद उन्हें घर से बाहर कर दिया था। पिछले पांच महीने से उनसे कोई संपर्क नहीं रखा।

मुस्लिम मैरिज एक्ट को पूरी तरह निरस्त करने की मांग की गई है

अब अचानक अपने वकील के जरिये डाक से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि वह तलाक-ए-हसन के तहत पहला तलाक दे रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को कानून की नजर में समानता और सम्मान से जीवन जीने जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता है।

याचिका में मांग की गई है कि तलाक-ए-हसन और अदालती तरीके से न होने वाले दूसरे सभी किस्म के तलाक को असंवैधानिक करार दिया जाए।

याचिका में शरीयत कानून की धारा 2 को रद्द करने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में डिसॉल्यूशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एक्ट को पूरी तरह निरस्त करने की मांग की गई है।

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