HomeUncategorized31 अगस्त से गणेश उत्सव शुरू, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

31 अगस्त से गणेश उत्सव शुरू, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

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Ganesh Sthapana : 31 अगस्त, बुधवार से गणेशोत्सव शुरू होने वाला है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विद्या,बुद्धि,विघ्नहर्ता, विनाशक, मंगलकारी,सिद्धिदायक और समृद्धिदाता का प्रतीक माना जाता हैं। गणेश चतुर्थी को विनाय चतुर्थी, कलंक चतु्र्थी और डण्डा चौथ के नाम से भी जाना जाता है।

नियम

भगवान गणेश को विध्नहर्ता और समृद्धि दाता देव माना गया है। घर पर भगवान गणेश की एक या दो ही मूर्तियां रखनी चाहिए। भूलकर भी तीन की संख्या में गणेश की मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए। कभी भी खंडित गणेश प्रतिमा की स्थापना नहीं करनी चाहिए।
Ganesh festival starts from August 31, know auspicious time and worship method
भगवान गणेश जल तत्व के देवता माने गए हैं और यह उन चार देवी-देवताओं में हैं जो दक्षिणमुखी हो सकते हैं। भगवान गणेश के अलावा हनुमानजी, भैरवजी और देवी मां की मूर्तियों का मुख ही दक्षिण दिशा में हो सकती है। इन चार देवताओं के अलावा अन्य किसी देवी या देवता की मूर्ति का मुख दक्षिण में नहीं होना चाहिए।
Ganesh festival starts from August 31, know auspicious time and worship method
घर पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि मूर्ति में उनकी सूंड की दिशा किस ओर है। वास्तु के अनुसार दाहिनी तरफ सूंड वाले भगवान को सिद्धिविनायक जबकि बाईं ओर की सूंड वाले गणेशजी को वक्रतुंड कहा जाता है। ऐसे में अगर आप गणेश चतुर्थी पर अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं तो वक्रतुंड गणेश प्रतिमा करना ज्यादा शुभ होता है। क्योंकि वक्रतुंड गणेशजी की पूजा के नियम आसान और कम होते हैं।
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भगवान गणेश को दूर्वा अति प्रिय होती है ऐसे में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की पूजा में दूर्वा घास को जरूर रखें। गणेशजी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाना चाहिए।ऐसी मान्यता है कि दूर्वा से गणेशजी के पेट की जलन शांत हुई थी। इसी कारण से भगवान गणेश की पूजा-उपासना में उनको दूर्वा अर्पित करते हैं।
गणेशजी की पूजा उपासना में ऊँ गं गणपतयै नम: या श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजे जाने वाले देवता हैं। किसी भी तरह की पूजा या अनुष्ठान में सबसे पहले गणपति पूजा का विधान होता है। ऐसे में गणेश चतु्र्थी पर भगवान गणेश की पूजा के साथ भगवान शिव-पार्वती की पूजा करना न भूलें। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर माता-पिता के साथ गणेशजी की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।
Desclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। News Aroma इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें।
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