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झारखंड का राजनीतिक स्वास्थ्य भी लोकतांत्रिक पद्धति से आगे बढ़े, इसका भी प्रयास होना चाहिए: सुप्रियो भट्टाचार्य

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रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) पत्थर खदान आवंटित करने के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश से पर्दा उठाकर भ्रम की स्थिति को दूर करें।

उन्होंने कहा कि झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल रमेश बैस छह दिन के लंबे दिल्ली प्रवास से लौटे हैं। उनका स्वागत है। वे स्वास्थ्य की जांच करवाने गये थे। कामना है कि वे शीघ्र स्वस्थ हों लेकिन Jharkhand का राजनीतिक स्वास्थ्य भी लोकतांत्रिक पद्धति से आगे बढ़े, इसका भी प्रयास होना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि था कि मुझे अधिकतम दो दिन का वक्त दिजिए

भट्टाचार्य शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत 25 तारीख को नेशनल चैनल (National Channel) के माध्यम से खबर आयी थी कि चुनाव आयोग ने राज्यपाल को पत्र भेजा है।

हम लोगों ने पिछले दिनों उनके पास जाकर गुहार लगायी कि आपके पास कोई चुनाव आयोग से पत्र आया है, उससे अवगत कराये। इस पर राज्यपाल ने कहा कि था कि मुझे अधिकतम दो दिन का वक्त दिजिए।

मैं अपनी बात से अवगत करा दूंगा। उसके ठीक दूसरे दिन वह दिल्ली चले गये

हमलोगों ने सोचा कि निश्चित तौर पर इसी काम के लिए राज्यपाल दिल्ली गये लेकिन छह दिन दिल्ली में रहने के बाद और आज सातवां दिन यह बात स्पष्ट नहीं हो पायी। आखिर चुनाव आयोग का क्या मंतव्य है। उन्होंने कहा कि हमने सदन में अपनी ताकत दिखा दी और विपक्ष वॉक आउट कर गया लेकिन राज्यपाल रमेश बैस के चुनाव आयोग की सिफारिश और अपना मंतव्य न रखने से राज्य में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि अच्छा-बुरा, काला उजला जो भी निर्वाचन आयोग (Election Commission) के पत्र में है, वह सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

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