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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को लेकर नया खुलासा

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नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थकों (Khalistan Supporters) के खिलाफ अभियान के बीच एक नया मामला सामने आ रहा है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के सुरक्षा गार्डों के हथियारों के लाइसेंस (Arms License) आज तक रद्द नहीं किए गए हैं।

अधिकारियों के अनुसार भगोड़े अमृतपाल के दो निजी सुरक्षा अधिकारी- 19वीं सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment) के वरिंदर सिंह और 23वीं सशस्त्र पंजाब रेजिमेंट के तलविंदर सिंह, जोकि सेना से रिटायर हैं, ने अपने लाइसेंस पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश के जिलों से या तो रिन्यू करवाए हैं या नए बनवा लिए हैं।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को लेकर नया खुलासा- New disclosure about Khalistan supporter Amritpal

अमृतपाल के सुरक्षा गार्ड खुले तौर पर हथियारों का प्रदर्शन करते रहे

अधिकारियों का कहना है कि पंजाब (Punjab) के ADGP (इंटेलिजेंस) द्वारा गत 12 जनवरी को, अमृतपाल के खिलाफ शुरू किए गए अभियान से करीब छह हफ्ते पहले, संबंधित जिला DCs को पत्र भेजे जाने के बावजूद, अमृतपाल के ये सुरक्षा गार्ड खुले तौर पर हथियारों का प्रदर्शन करते रहे और इनके लाइसेंस (License) अब तक रद्द नहीं किए गए।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को लेकर नया खुलासा- New disclosure about Khalistan supporter Amritpal

वरिंदर सिंह का लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ

गौरतलब है कि शस्त्र अधिनियम की धारा 17 (3) (B) के तहत, लाइसेंसिंग प्राधिकरण के पास सार्वजनिक सुरक्षा (Public Security) के लिए आवश्यक होने पर लाइसेंस को निरस्त या निलंबित करने का अधिकार होता है।

अमृतसर जिले (Amritsar District) के कोट धर्मचंद कलां के तलविंदर सिंह और असम में कैद वरिंदर सिंह उर्फ फौजी दोनों के शस्त्र लाइसेंस क्रमशः रामबन और किश्तवाड़ जिलों (Kishtwar Districts) के DCs द्वारा रद्द कर दिए गए थे।

इस साल 9 मार्च को लाइसेंस रद्द करने के आदेश के अनुसार, वरिंदर सिंह का लाइसेंस 24 जुलाई 2017 से रिन्यू नहीं हुआ था।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को लेकर नया खुलासा- New disclosure about Khalistan supporter Amritpal

हथियारों के नकली लाइसेंस जारी करने के मामले सामने आए

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से समय-समय पर हथियारों के नकली लाइसेंस जारी करने के मामले सामने आते रहे हैं और CBI ऐसे मामलों की जांच कर रही है।

16 अक्टूबर, 2018 को CBI ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के 22 जिलों में 2012 से 2016 के बीच 2.78 लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने में हुई धांधली को लेकर FIR का पहला सेट दर्ज किया था।

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जांच में कुछ हथियार डीलरों की भूमिका सामने आई: जोशी

दिसंबर 2019 में, CBI ने श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा में कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी (Rajouri), डोडा और पुलवामा के तत्कालीन जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों (Magistrates) के करीब दर्जन परिसरों पर छापे मारे थे।

CBI के प्रवक्ता RC जोशी ने एक लिखित बयान में कहा कि जांच और दस्तावेजों की छानबीन में कुछ हथियार डीलरों की भूमिका सामने आई, जिन्होंने संबंधित जिलों के तत्कालीन DM और ADM के साथ मिलकर, अयोग्य व्यक्तियों को कथित रूप से हथियारों के अवैध लाइसेंस जारी कराए थे।

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