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अब मातृभाषा में भी CBSE स्कूलों को पढ़ाने का मिलेगा ऑप्शन, NEP के अनुरूप..

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नई दिल्ली : CBSE स्कूलों को Pre-Primary से 12वीं कक्षा तक क्षेत्रीय व मातृभाषा (Regional and Mother Tongue) में शिक्षा प्रदान करने का विकल्प दिया गया है।

अब तक, राज्य बोर्ड स्कूलों के विपरीत, CBSE स्कूलों में केवल अंग्रेजी और हिंदी माध्यम (English and Hindi medium) का विकल्प था।

CBSE का कहना है कि उनका यह कदम यह NE[ के के अनुरूप है। इस संबंध में CBSE ने देशभर के अपने स्कूलों से संपर्क किया है।

22 भाषाओं में नई NCERT पाठ्यपुस्तकों को विकसित किया जाएगा

CBSE ने अपने सभी संबंधित स्कूलों से कहा है कि जब भी संभव हो सके तो पांचवीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषा या फिर मातृभाषा में पढ़ाई के विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।

पांचवीं से बढ़ाकर इसे आठवीं तक ले जाने का प्रयास करने को भी स्कूलों से कहा गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्कूल में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकें भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन पाठ्य पुस्तकों को भारत की 22 विभिन्न भाषाओं उपलब्ध कराए जाने की योजना बनाई गई है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में नई NCERT पाठ्यपुस्तकों (NCERT Textbooks) को विकसित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य देशभर के छात्रों को उनकी ही क्षेत्रीय अथवा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना है।

नई पाठ्यपुस्तकों पर व अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई

पुस्तकों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के विषय पर मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी।

नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा और NEP2020 पर आधारित नई पाठ्यपुस्तकों पर व अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई है।

गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए कहा है।

यह बहुभाषा शिक्षा प्रदान करने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य के अनुरूप होगा। यह भी कहा कि NCERT द्वारा विकसित शिक्षण-शिक्षण सामग्री ‘जादुई पिटारा’ (Jadui Pitara) को खुले शिक्षा संसाधनों के रूप में हर स्कूल तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।

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