Homeझारखंडअवैध खनन को ले CBI की FIR के खिलाफ याचिका पर हुई...

अवैध खनन को ले CBI की FIR के खिलाफ याचिका पर हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित…

Published on

spot_img

Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट में नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन (Illegal Mining) मामले में CBI द्वारा FIR दर्ज करने को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका की सुनवाई शुक्रवार को हुई।

मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

राज्य सरकार की ओर से Supreme Court के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअली पक्ष रखा जबकि महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता मनोज कुमार एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने सुनवाई में कपिल सिब्बल को सहयोग किया। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने मामले की सुनवाई की।

महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट का आदेश केवल प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज करने का था लेकिन राज्य सरकार की अनुमति के बिना CBI ने मामले में FIR दर्ज कर ली, जो गलत है। PE में यदि CBI को कुछ मिले थे तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी।

CBI की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट का आदेश था कि यदि PE में कुछ आपराधिक घटनाओं की संलिप्तता मिलती है, तो वह कानून सम्मत निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई कर सकता है।

PE में आपराधिक संलिप्तता और High Court के आदेश के आलोक में CBI डायरेक्टर ने मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया और मामले में FIR दर्ज कर लिया गया। FIR दर्ज करने के लिए CBI को राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है। पीई के बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में High Court का आदेश काफी स्पेसिफिक था।

उल्लेखनीय है कि विजय हासदा ने पूर्व में पंकज मिश्रा एवं अन्य के जरिए साहिबगंज में नींबू पहाड़ पर अवैध खनन किए जाने को लेकर जो शिकायत की थी, उसकी CBI जांच करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया था।

बाद में विजय हसदा ने अपने उस याचिका को वापस लेने का अनुरोध कोर्ट से किया था लेकिन हाई कोर्ट ने उसके इस आग्रह को नहीं मानते हुए विजय हासदा ने किसके दबाव में याचिका वापस लेने का आग्रह किया और नींबू पहाड़ अवैध खनन (Illegal Mining) की वस्तुस्थिति क्या है, इसकी प्रारंभिक जांच करने का आदेश CBI को दिया था।

CBI ने इसकी प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट से एक संशोधित आदेश पारित करने का आग्रह किया लेकिन हाई कोर्ट ने आग्रह को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी CBI ने बिना हाई कोर्ट की अनुमति एवं राज्य सरकार की सहमति के कांड संख्या आरसी 024 2023 एस 001 दिनांक 20 दिसंबर, 2023 दर्ज किया था।

spot_img

Latest articles

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...

गाजा में इजरायली हमलों में 17 फलस्तीनियों की मौत

Israeli attacks in Gaza: गाजा पट्टी में गुरुवार को इजरायली हमलों में कम से...

खबरें और भी हैं...

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...