Homeभारतनिशिकांत दुबे ने बिना कानूनी डिग्री वाले CJI का उदाहरण देकर फिर...

निशिकांत दुबे ने बिना कानूनी डिग्री वाले CJI का उदाहरण देकर फिर छेड़ा विवाद, जानें कौन थे जस्टिस कैलाशनाथ वांचू?

Published on

spot_img

Nishikant Dubey cites Justice Wanchu case. : झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भारतीय न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। सोमवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया, “क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू ने कानून की कोई औपचारिक पढ़ाई नहीं की थी?”

इस पोस्ट को उनके हालिया विवादित बयानों से जोड़ा जा रहा है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना पर “धार्मिक युद्ध” भड़काने का आरोप लगाया था। विपक्ष ने दुबे पर न्यायपालिका को कमजोर करने का आरोप लगाया है, जबकि बीजेपी ने उनके बयानों से किनारा कर लिया है।

कौन थे जस्टिस कैलाशनाथ वांचू?

जस्टिस कैलाशनाथ वांचू का जन्म 25 फरवरी, 1903 को इलाहाबाद में एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की और 1924 में इंडियन सिविल सर्विसेज (ICS) परीक्षा पास की।

वांचू ने औपचारिक रूप से एलएलबी की डिग्री नहीं ली, लेकिन लंदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण के दौरान आपराधिक कानून (क्रिमिनल लॉ) का गहन अध्ययन किया। इस अनुभव ने उनकी कानूनी समझ को मजबूत किया, जो बाद में उनके न्यायिक फैसलों में दिखाई दी।

प्रशासन से न्यायपालिका तक का सफर

वांचू ने ICS अधिकारी के रूप में संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) में जॉइंट मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में काम किया। 1937 में उन्हें सेशंस एंड डिस्ट्रिक्ट जज बनाया गया।

आजादी के बाद 1947 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक्टिंग जज नियुक्त हुए और मात्र 10 महीनों में उनकी योग्यता के आधार पर स्थायी जज बनाए गए। 1951 से 1958 तक वे राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे। उनकी निष्पक्षता और कानूनी विशेषज्ञता ने उन्हें 11 अगस्त, 1958 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया।

CJI बनने की अनोखी कहानी

जस्टिस वांचू का CJI बनना अप्रत्याशित था। अप्रैल 1967 में तत्कालीन CJI के. सुब्बाराव ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया। वरिष्ठता के आधार पर वांचू को 24 अप्रैल, 1967 को CJI नियुक्त किया गया।

उन्होंने 24 फरवरी, 1968 तक यह पद संभाला। अपने 11 महीने के कार्यकाल में वे 1286 बेंचों का हिस्सा रहे और 355 फैसले लिखे। उनकी प्रशासनिक और कानूनी कुशलता ने उन्हें बिना औपचारिक कानूनी डिग्री के भी इस सर्वोच्च पद तक पहुंचाया।

निशिकांत दुबे का विवाद

दुबे का यह पोस्ट उनके पिछले बयानों का विस्तार माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है, तो संसद को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने CJI संजीव खन्ना पर “देश में गृह युद्ध” के लिए जिम्मेदार होने का आरोप भी लगाया था।

BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन बयानों को दुबे का “निजी विचार” बताकर पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं होने की बात कही। उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की हिदायत भी दी। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “न्यायपालिका को कमजोर करने की साजिश” करार दिया। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी दुबे की टिप्पणियों को “असंवैधानिक” बताया।

कानूनी कार्रवाई की मांग

सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल से दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने तर्क दिया कि दुबे के बयान “न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले और भ्रामक” हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि ऐसी याचिका दायर करने के लिए उनकी अनुमति की जरूरत नहीं है, लेकिन अटॉर्नी जनरल की सहमति आवश्यक होगी।

निशिकांत दुबे का ताजा पोस्ट जस्टिस वांचू के उदाहरण के जरिए न्यायपालिका की नियुक्ति प्रक्रिया और योग्यता पर सवाल उठाने का प्रयास प्रतीत होता है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब न्यायपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर बहस तेज है।

spot_img

Latest articles

पूर्वी सिंहभूम में पुलिस का विशेष अभियान, 77 अपराधी गिरफ्तार, 365 का सत्यापन

Jamshedpur News: पूर्वी सिंहभूम जिले में अपराध पर नकेल कसने और फरार आरोपियों की...

कोयल नदी में डूबने से बीटेक छात्र प्रत्युष राज उर्फ आर्यन की मौत

Lohardaga News: झारखंड के लोहरदगा जिले में रविवार को एक दुखद हादसे में कोयल...

JLKM सुप्रीमो जयराम महतो ने सुखलाल महतो के निधन पर उठाए सवाल,

Panchayat servant Sukhlal Mahato passed away: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के सुप्रीमो और...

21st Jharkhand Junior Wushu Championship : रांची बनी ओवरऑल चैंपियन, चतरा-रामगढ़ को दूसरा-तीसरा स्थान

Jharkhand Junior Wushu Championship: 21वीं झारखंड राज्य जूनियर वुशु प्रतियोगिता रविवार को सिल्ली के...

खबरें और भी हैं...

पूर्वी सिंहभूम में पुलिस का विशेष अभियान, 77 अपराधी गिरफ्तार, 365 का सत्यापन

Jamshedpur News: पूर्वी सिंहभूम जिले में अपराध पर नकेल कसने और फरार आरोपियों की...

कोयल नदी में डूबने से बीटेक छात्र प्रत्युष राज उर्फ आर्यन की मौत

Lohardaga News: झारखंड के लोहरदगा जिले में रविवार को एक दुखद हादसे में कोयल...

JLKM सुप्रीमो जयराम महतो ने सुखलाल महतो के निधन पर उठाए सवाल,

Panchayat servant Sukhlal Mahato passed away: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के सुप्रीमो और...