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1 करोड़ इनामी प्रयाग मांझी समेत 8 नक्सलियों के शवों का हुआ पोस्टमार्टम, नहीं पहुंचे परिजन

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Post-mortem of the bodies of 8 Naxalites: झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया थाना क्षेत्र में लूगू पहाड़ की तलहटी पर 21 अप्रैल 2025 को हुई भीषण मुठभेड़ में मारे गए 8 नक्सलियों के शवों का पोस्टमार्टम मंगलवार सुबह चास अनुमंडलीय अस्पताल में पूरा हो गया।

मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपये के इनामी भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक, 25 लाख के इनामी अरविंद यादव, और 10 लाख के इनामी साहेब राम मांझी शामिल थे।

मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं और छह पुरुष थे। आश्चर्यजनक रूप से, पोस्टमार्टम के बाद भी किसी नक्सली के परिजन शव लेने नहीं पहुंचे।

मुठभेड़ के बाद देर रात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सलियों के शवों को लूगू पहाड़ के जंगल से निकालकर चास अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। मंगलवार सुबह चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने सभी आठ शवों का पोस्टमार्टम किया।

पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई, और सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं। बोकारो पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

पोस्टमार्टम के बाद शवों को पहचान और दावे के लिए सुरक्षित रखा गया है, लेकिन अब तक कोई परिजन या संबंधी शव लेने नहीं आया।

21 अप्रैल 2025 को सुबह करीब 4:30 बजे, बोकारो के गोमिया थाना क्षेत्र के लूगू पहाड़ और झुमरा पहाड़ के बीच जंगल में भाकपा (माओवादी) के 20-25 सशस्त्र नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना के आधार पर ‘ऑपरेशन डाकाबेड़ा’ शुरू किया गया।

इस संयुक्त अभियान में 209 कोबरा बटालियन, बोकारो पुलिस, झारखंड जगुआर, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) शामिल थे।

सुबह 5:30 बजे चोरगांवां के सोसो टोला के पास नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू की, जिसके जवाब में बलों ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग की। मुठभेड़ करीब ढाई घंटे तक चली, जिसमें 8 नक्सली मारे गए।

मारे गए नक्सलियों के पास से चार इंसास राइफल, एक SLR, एक रिवॉल्वर, और भारी मात्रा में विस्फोटक व दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई।

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इसे नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया। उन्होंने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “प्रयाग मांझी उर्फ विवेक एक कुख्यात नक्सली कमांडर था, जो झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, और पश्चिम बंगाल में 100 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित था।”

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