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झारखंड शराब घोटाला : छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया रायपुर से गिरफ्तार, रांची लाएगी ACB

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Jharkhand Anti Corruption Bureau: झारखंड के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंघानिया को रायपुर के लाभांडी क्षेत्र से पकड़ा गया। रायपुर कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया जा रहा है, जहां ACB की विशेष अदालत में उनकी पेशी होगी।

ACB ने 12 जून 2025 को सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था, क्योंकि वे बार-बार समन के बावजूद पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। इससे पहले ACB ने निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी और नेक्सजेन कंपनी के मालिक विनय कुमार सिंह के खिलाफ भी वारंट जारी किया था।

लगातार हो रही कार्रवाई

झारखंड शराब घोटाला मामले में ACB की कार्रवाई तेज है। मंगलवार, 17 जून को पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर ACB मुख्यालय में पूछताछ की गई थी। सिद्धार्थ सिंघानिया की गिरफ्तारी इस मामले में सातवीं है।

इससे पहले ACB ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव IAS विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार, और मार्शन इन्नोवेटिव कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में भेजा था।

इस तरह हुआ घोटाले का खुलासा

जांच में अब तक 38 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है, लेकिन ACB को संदेह है कि यह राशि 200 करोड़ तक पहुंच सकती है। सिद्धार्थ सिंघानिया पर आरोप है कि उन्होंने मई 2022 की उत्पाद नीति में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लाई का ठेका हासिल किया और नीतियों में हेरफेर कर अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया। उनकी कंपनियों को बाद में नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं के कारण ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।

छत्तीसगढ़ कनेक्शन

सिंघानिया छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भी संदिग्ध रहे हैं। अक्टूबर 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से बरामद एक डायरी में झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार पर कब्जे की साजिश का खुलासा हुआ था। इस मामले में छत्तीसगढ़ ACB ने 7 सितंबर 2024 को FIR दर्ज की थी, जिसमें विनय चौबे और अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था।

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