All India Adivasi Congress Meeting: झारखंड की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस की मीटिंग में आदिवासियों के हक की मजबूत पैरवी की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर झारखंड में परिसीमन होता है, तो आदिवासियों के लिए रिजर्व सीटें हर हाल में प्रोटेक्टेड रहनी चाहिए, वरना यह आदिवासी अस्मिता के लिए बड़ा थ्रेट होगा।
मंत्री तिर्की ने कई क्रिटिकल इश्यूज उठाए। उन्होंने डिमांड की कि 2016 से पहले की सेंसस सिस्टम को रीस्टोर कर सरना धर्म कॉलम को फिर से शामिल किया जाए, ताकि नेचर वर्शिप करने वाले आदिवासी कम्युनिटी को उनकी आइडेंटिटी मिल सके।
लैंड डिस्प्यूट पर चिंता जताते हुए तिर्की ने कहा कि प्रीवियस गवर्नमेंट ने लैंड डिजिटाइजेशन के नाम पर रैयतों को उनकी ही जमीन से एविक्ट करने की साजिश रची। गलत लैंड रिकॉर्ड्स और पंजी-2 में इर्रेगुलैरिटीज की वजह से आदिवासी फैमिलीज अंचल ऑफिस और कोर्ट के चक्कर काट रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्टेट में दोबारा लैंड सर्वे हो, ट्राइबल लीगल काउंसिल बनाई जाए और गांव-गांव में लैंड रिफॉर्म कैंप्स लगाए जाएं, जो लीगल हेल्प और गाइडेंस प्रोवाइड करें।
जादूगोड़ा में न्यूक्लियर वेस्ट डंपिंग से हो रही सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स पर भी तिर्की ने अलार्म बजाया और अफेक्टेड फैमिलीज के रिहैबिलिटेशन की डिमांड की। मीटिंग में आदिवासी कांग्रेस प्रेसिडेंट विक्रांत भूरिया, झारखंड इंचार्ज के. राजू और कई स्टेट्स के आदिवासी सांसद-विधायक मौजूद थे।