Jharkhand News: रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की टीम पर मिर्ची पाउडर फेंककर हमला करने वाले आरोपी देवशीष पॉल को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। धुर्वा के क्वार्टर नंबर 1442 में रहने वाले देवशीष पर पहले से 14 मामले दर्ज हैं, जिनमें चार में वह वांछित था।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में उसके घर से दो बंदरों को भी रेस्क्यू किया गया, जिन्हें वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया।
क्या है मामला?
वन विभाग को सूचना मिली थी कि देवशीष पॉल ने अपने घर में अवैध रूप से दो बंदरों को कैद कर रखा है। 15 अप्रैल 2025 को जगन्नाथपुर पुलिस और वन विभाग की टीम बंदरों को रेस्क्यू करने उसके घर पहुंची। लेकिन, देवशीष ने मुख्य गेट पर तार का जाल बिछाकर उसमें बिजली का करंट दौड़ा रखा था, जिससे टीम को झटका लगा।
घर में प्रवेश करने पर आरोपी ने अपने पालतू कुत्तों को टीम पर छोड़ दिया। किसी तरह कुत्तों से बचने के बाद जब वन विभाग ने बंदरों को रेस्क्यू करने की कोशिश की, तो देवशीष ने डंडे से हमला किया और मिर्ची पाउडर फेंका। इससे जगन्नाथपुर थाना के एसआई सत्यवीर, होमगार्ड हुसैन और महिला कांस्टेबल सावित्री देवी की आंखों में जलन हुई।
हमले के बाद देवशीष बंदरों को लेकर छत से कूदकर अंधेरे का फायदा उठा कर फरार हो गया था। वन विभाग के प्रभारी वनपाल राहुल महली ने उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उल्लंघन और हमले के लिए जगन्नाथपुर थाने में FIR दर्ज कराई थी। शनिवार को पुलिस ने उसे सेक्टर-2, साइड-4, मौसीबाड़ी में गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपनी गलती स्वीकार की।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
जगन्नाथपुर थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि देवशीष पॉल पर जगन्नाथपुर, चुटिया सहित अन्य थानों में 14 केस दर्ज हैं, जिनमें चोरी, मारपीट और अन्य अपराध शामिल हैं। चार मामलों में वह फरार चल रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो सकता है और उसे बंदरों से विशेष लगाव है। हालांकि, वन्यजीवों को अवैध रूप से कैद करना गैरकानूनी है।