Robbery case : रांची में बुढ़मू थाना क्षेत्र के बहुचर्चित डकैती के आठ साल पुराने मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया है।
अपर न्यायायुक्त वी शैलेंद्र कुमार की अदालत (Court) ने मंगलवार को सबूतों के अभाव में सुक्केश खलखो, जलेंद्र गंझू और सुनील खलखो को दोषमुक्त कर दिया।
‘नो एविडेंस’ बताते हुए कोर्ट की सख्त टिप्पणी
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह पूरी तरह “नो एविडेंस” का मामला है, जिसमें अभियोजन की लापरवाही साफ झलकती है।
ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष को कई अवसर दिए गए, लेकिन एक भी गवाह अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका। गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अदालत द्वारा किए गए प्रयास भी सफल नहीं हो सके।
सड़क जाम कर लूटपाट का था आरोप
दर्ज प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, तीनों आरोपियों पर आरोप था कि 23 सितंबर 2017 की रात करीब 10 बजे बुढ़मू राय रोड स्थित तिरुफॉल के पास सड़क जाम कर यात्रियों से लूटपाट की गई थी। आरोप था कि डकैतों ने मोबाइल फोन, चांदी की चेन, नकदी समेत अन्य सामान छीने थे।
न प्रत्यक्षदर्शी, न कोई साक्ष्य
हालांकि, सुनवाई के दौरान न तो कोई प्रत्यक्षदर्शी पेश (Present Eyewitnesses) किया गया और न ही कोई अन्य ठोस साक्ष्य अदालत में रखा जा सका। अभियोजन पक्ष की इस विफलता के चलते अदालत ने तीनों आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।
फैसले से उठा अभियोजन की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस फैसले के बाद अभियोजन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आठ साल तक चले मामले में सबूत और गवाह पेश नहीं कर पाना न्यायिक प्रक्रिया के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है।




