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सरकार से आर-पार के मूड में पारा शिक्षकों ने की उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार, राज्य सरकार पर बढ़ा दबाव

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रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा राज्य कमिट की बैठक राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में संजय कुमार दुबे की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उपस्थित सभी 22 जिलों के जिलाध्यक्ष, जिलासचिव और अगुआ साथियों ने विचार विमर्श कर उग्र आंदोलन करने का फैलसा लिया है।

पारा शिक्षकों ने कड़े शब्दों में सरकार को ये संदेश दिया है की अब अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा परिणाम चाहिये अन्यथा उग्र आंदोलन होगा।

बताया कि विगत 18 वर्षों से पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है, वर्तमान सरकार ने तीन महीने के अंदर स्थाई करते हुए वेतनमान देने का वायदा किया था लेकिन एक वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी पारा शिक्षकों का समस्याओ का समाधान नही हुआ।

ऐसे में राज्य सरकार की परेशानी बढ़ती दिख रही है। नाराज पारा शिक्षक अब उग्र आंदोलन कर सरकार से आर-पार करने को तैयार हैं।

पारा शिक्षकों की जो मांग थी वह मांग अब भी अधर में लटकी हुई है। इसे देखते हुए पारा शिक्षकों ने एक बार फिर स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से आज की बैठक आयोजित की है।

पारा शिक्षकों का कहना है कि यदि 14 मार्च 2021 तक 65 हजार पारा शिक्षक साथियों का स्थायीकरण करते हुए वेतनमान सहित सभी मांगों को नहीं माना गया तो 15 मार्च 2021 से 19 मार्च तक पांच दिनी विधानसभा घेराव होगा।

पारा शिक्षकों की मांग

  • 14 मार्च 2021 तक 65 हजार पारा शिक्षक साथियों का स्थायीकरण करते हुए वेतनमान दिया जाये।
  • अप्रशिक्षित/एनसी अंकित पारा शिक्षकों के 22 माह का बकाया मानदेय भुगतान किया जाये।
  • पलामू के छतरपुर, नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के बकाया मानदेय भुगतान हो।
  • हजारों पारा शिक्षकों के पूर्व वित्तीय वर्ष का बकाया भुगतान भी किया जाये।
  • टेट विसंगति का मानदेय भुगतान की भी मांग की गई है।
  • पूर्व की सरकार द्वारा पारा शिक्षकों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने सहित सभी मांगों के लिए 14 मार्च 2021 तक का समय दिया है।

मांग पूरी नहीं होती है तो 15 मार्च 2021 से 19 मार्च तक पांच दिनी विधानसभा घेराव होगा। इसी तरह 15 को गिरिडीह, रामगढ़, देवघर, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, फिर 16 मार्च को चतरा, गढ़वा, सिमडेगा, गोड्डा, पश्चिमी सिंहभूम, उसके बाद 17 मार्च को हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़, रांची, खुंटी और 18 मार्च को पलामू, धनबाद, कोडरमा, सरायकेला खरसावां के बाद 19 मार्च को गुमला, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, बोकारो के पारा शिक्षक साथी शामिल होंगे।

रघुवर सरकार के कार्यकाल में किया था जोरदार आंदोलन

रघुवर सरकार के कार्यकाल में भी पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था। उस दौरान पारा शिक्षकों ने रघुवर सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं किया गया तो पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।

पारा शिक्षकों ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मतदान किया और काफी उम्मीद के साथ सत्ता पर यूपीए गठबंधन की सरकार को चुनी गई।

हेमंत सरकार के पूरे हुए एक साल, वादे रह गए अधूरे

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार का एक वर्ष पूरा हो गया है, लेकिन पारा शिक्षकों की जो मांग थी वह मांग अब भी उसी तरह है। वहीं खबरों के माध्यम से जानकारी दी जाती है कि पारा शिक्षकों के लिए कई कल्याणकारी काम हो रहे हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है।

आज भी पारा शिक्षक को आश्वासन पर आश्वासन मिल रहा है कभी मंत्री तो कभी शिक्षा मंत्री और जब कभी होता है तो मुख्मंत्री खुद ही आश्वासन दे देते हैं लेकिन उसके बाद भी होता कुछ भी नही।

सरकार का ये रवैया देखते हुए पारा शिक्षकों ने एक बार फिर स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से बैठक आयोजित की गई है।

सरकार के पास 14 मार्च तक का समय है हमारी मांगों को पूरा कर हमें हमारा हक़ दे दिया जाये नहीं तो हम लोगों ने आंदोलन का फैसला ले लिया है आगे के हालात के लिए ज़िम्मेदार और जवाबदेही सरकार की होगी।

इस बैठक में राज्य इकाई के ऋषिकेश पाठक , सिंटू सिंह, दशरथ ठाकुर, प्रमोद कुमार, मोहन मंडल , नारायण महतो, तुलसी महतो, प्रसन्न सिंह, चंदन मेहता, सुखदेव हाजरा, कृष्ण पासवान, सीमांत घोसाल, रविशंकर, संतोष पंडित, अमरेंद्र कुमार, नीलाम्बर मंडल, चितरंजन भडारी, एहतेशामूल हक, महाबीर , अरविंद कुमार, अर्जुन सोए, जितेंद्र कुमार, विकाश कुमार, शकील भाई, शंकर प्रसाद , फिरनाथ बड़ाईक, अरविंदकुमार, मिना देवी, सुष्मिता सोरेन, जया देवी, सुनीता साहू, कंचन कुमारी, रुकसाना प्रवीण, रीना देवी, जसीम अंसारी, मनोज शर्मा, चंदन ठाकुर, जितेंद्र महतो, सजाद हुसैन, कृष्णा महतो, कार्तिक साव, राजकुमार ओहदार, रविनंदन सिंह, राम कुमार यादव, बिनोद कुमार, एजाज अहमद, मुस्ताक अनवर, लाल उमा संकर नाथ, मो एहसाम अंसारी, अरविंद कुमार राजू महतो, अब्दुल सलीम, विजय साहू, रविशंकर ठाकुर, धर्मेंद्र कुमार पाल, बेलाल अंसारी, राजीव शुक्ला , शनि कुमार, आदि सैकड़ो पारा शिक्षक उपस्थित थे।

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