HomeUncategorizedममता बनर्जी के लिए कमजोरी बनते जा रहे भतीजे अभिषेक बनर्जी

ममता बनर्जी के लिए कमजोरी बनते जा रहे भतीजे अभिषेक बनर्जी

Published on

spot_img

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ता अपने पास रखने के लिए ममता बनर्जी हर संभव कोशिश कर रही हैं। जमीनी नेता मानी जाने वाली ममता हालांकि, अपनी ही पार्टी में कई नेताओं की नाराजगी का सामना कर रही हैं।

वजह है उनका अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को लगातार आगे बढ़ाना। तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद नंबर पर दो पर अभिषेक बनर्जी को बैठाए जाने की भले ही औपचारिक घोषणा न हुई हो लेकिन यह किसी से छिपा भी नहीं है।

ममता का ‘भतीजा प्रेम’ इतना बढ़ गया है कि इसके लिए कई वरिष्ठ नेताओं की भी अनदेखी कर दी गई और अब चुनाव से पहले पार्टी में भगदड़ जैसी स्थिति आ गई है।

 हालांकि, इसके लिए भी जिम्मेदार अभिषेक बनर्जी को ही बताया जाता है जो अब पार्टी को मजबूत बनाने की बजाय उसकी कमजोरी बनते जा रहे हैं। पार्टी के टूटने के पीछे भी अभिषेक बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

 सांसद अभिषेक बनर्जी ममता के लिए सॉफ्ट कॉर्नर भी हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने राज्य के चुनाव प्रचार में ‘भाइपो’ (भतीजे) को मुद्दा भी बनाया है।

तृणमूल के कई दिग्गज जो अब पार्टी छोड़ चुके हैं, जैसे सुभेंदु अधिकारी, सौमित्र खान और अन्य कहते हैं कि यह वास्तव में ‘तोलाबाज भाईपो’ हैं। इन्होंने अभिषेक पर भ्रष्ट्राचार का आरोप भी लगाया है।

वहीं, अभिषेक बनर्जी कहते हैं कि अगर उन पर लगे आरोप साबित होते हैं तो वो जनता के बीच में जान दे देंगे। दरअसल, बंगाल में 34 साल के वाम मोर्चे को सत्ता से बाहर करने के बाद ममता बनर्जी के भाई अमित बनर्जी के बेटे अभिषेक बनर्जी चर्चा में आए। जल्द ही इनको पार्टी ने यूथ आइकॉन बना दिया।

अभिषेक बनर्जी जब 23 साल के थे तब उनको अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना गया था।

अभिषेक हर साल अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्पोर्ट्स टूर्नामेंट का आयोजन कराते हैं। जनवरी 2014 में, जब पार्टी के नेतृत्व के साथ मतभेद के कारण डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र की सीट पार्टी सांसद सोमेन मित्रा के इस्तीफे के बाद खाली हो गया, तो ममता ने अभिषेक को वहां से मैदान में उतारा।

साल 2014 में इसी सीट से जीत हासिल करने के बाद अभिषेक बनर्जी उस साल सबसे कम उम्र के (मात्र 26 साल) में सांसद बने थे।

तब टीएमसी में मुकुल रॉय की गिनती नंबर दो पर होती थी।

पार्टी के रवैये को देखते हुए मुकुल रॉय खुद को टीएमसी से अलग कर 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। और अब सुभेंदु अधिकारी और सौमित्र खान भी टीएमसी को छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

रॉय के जाने के बाद, अभिषेक को तृणमूल चुनाव रणनीति के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनावों में, तृणमूल ने 34 सीटों से गिरकर 22 पर आ गई।

spot_img

Latest articles

12GB रैम वाले टॉप 5 स्मार्टफोन्स : Poco F7, iQOO Neo 10, Realme P3 Ultra और…

Top 5 smartphones : भारतीय बाजार में गेमिंग (Gaming) और भारी ऐप्स (Heavy Apps)...

भारत-अमेरिका ट्रेड डील अगले हफ्ते संभव, व्हाइट हाउस ने भारत को बताया…

New Delhi News: भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित ट्रेड डील को लेकर बड़ी...

‘कांटा लगा’ फेम शेफाली की आखिरी रात क्या हुआ?, जानें क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट

Bollywood News: ‘कांटा लगा’ गाने से रातोंरात स्टार बनीं अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला...

Vivo X200 FE जल्द भारत में लॉन्च, 6,500mAh बैटरी और Zeiss कैमरा से लैस

Vivo X200 FE: Vivo ने पिछले सप्ताह अपने नए स्मार्टफोन Vivo X200 FE के...

खबरें और भी हैं...

12GB रैम वाले टॉप 5 स्मार्टफोन्स : Poco F7, iQOO Neo 10, Realme P3 Ultra और…

Top 5 smartphones : भारतीय बाजार में गेमिंग (Gaming) और भारी ऐप्स (Heavy Apps)...

भारत-अमेरिका ट्रेड डील अगले हफ्ते संभव, व्हाइट हाउस ने भारत को बताया…

New Delhi News: भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित ट्रेड डील को लेकर बड़ी...

‘कांटा लगा’ फेम शेफाली की आखिरी रात क्या हुआ?, जानें क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट

Bollywood News: ‘कांटा लगा’ गाने से रातोंरात स्टार बनीं अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला...