झारखंड

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधारभूत स्तंभ: राज्यपाल

जमशेदपुर: राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था (Agriculture Indian Economy) का आधारभूत स्तंभ है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आज हमारा कृषि क्षेत्र कई समस्याओं से जूझ रहा है।

सिंचाई संबंधी सुविधाओं के अभाव कारण मानसून (Monsoon) पर निर्भरता, छोटे एवं सीमांत जोत की समस्या, बाजार एवं प्रौद्योगिकी व तकनीक का अभाव के साथ जलवायु परिवर्तन तथा रासायनिक खादों का प्रयोग के कारण भारतीय कृषि में कुछ समस्याएं हैं। बैस बुधवार को जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उत्पाद की गुणवत्ता में करना होगा सुधार

उन्होंने कहा कि आज जब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात होती है, तो सबसे पहले हमें देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाए जाने की ज़्यादा जरूरत दिखती है।

देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचाने में कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्र (Agriculture and Rural Development Sector) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के लिए किसानों को न केवल अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना होगा, बल्कि अपनी उत्पादकता में भी वृद्धि करनी होगी।

लोग अपनी जरूरतों को गांव में ही कर लेते थे पूरा

किसानों को अब ये भी समझना पड़ेगा कि कृषि क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप ही कृषि उत्पादन करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि गांव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांधी जी के सपनों को साकार करना पड़ेगा। पूर्व में गांव की अर्थव्यवस्था कुटीर उद्योग पर आधारित थी। लोग अपनी जरूरतों को गांव में ही पूरा कर लेते थे।

धीरे-धीरे शहर पर निर्भरता बढ़ती चली गई और गांव की अर्थव्यवस्था (Economy) प्रभावित होने लगी। हमें गांव एवं ग्रामीणों की स्थिति को समझना होगा एवं भविष्य को भी देखना होगा।

बढ़ती जनसंख्या के लिए गांव की जमीनों का भी उपयोग किया जाने लगा है। हमें बढ़ती आबादी के लिए जमीन के उपयोग एवं भविष्य में बढ़ती जनसंख्या के लिए अन्न उत्पादन के लिए आवश्यक जमीन के बीच सामंजस्य स्थापित करना पड़ेगा।

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