Ahmedabad Plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुखद हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक परिवार-डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कौमी व्यास, उनकी 8 साल की बेटी मिराया, और 5 साल के जुड़वां बेटे प्रद्युत और नकुल-की मौत ने सभी को शोक में डुबो दिया।
उड़ान से पहले ली गई उनकी आखिरी सेल्फी, जिसमें परिवार खुशी से मुस्कुरा रहा था, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और उनके अधूरे सपनों की दुखद याद बन गई है।
लंदन में नई जिंदगी का सपना
डॉ. प्रतीक जोशी (40) एक रेडियोलॉजिस्ट थे और पिछले 6 साल से लंदन के रॉयल डर्बी हॉस्पिटल में काम कर रहे थे। उनकी पत्नी डॉ. कौमी व्यास (38), उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में पैथोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर थीं। उन्होंने एक महीने पहले अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया था और हादसे से दो दिन पहले ही रिलीव हुई थीं, ताकि अपने पति और तीन बच्चों-मिराया (8), प्रद्युत और नकुल (5)-के साथ लंदन में नई जिंदगी शुरू कर सकें।
परिवार ने इस उड़ान को एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा था। प्रतीक ने लंदन में अपने करियर की नींव रखी थी और बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए परिवार को साथ ले जाना चाहते थे।
उड़ान से पहले ली गई सेल्फी में प्रतीक और कौमी एक तरफ बैठे मुस्कुरा रहे थे, जबकि उनके तीनों बच्चे दूसरी तरफ बैठे कैमरे की ओर देख रहे थे। कौमी ने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा किया था, जो अब उनके परिजनों के लिए आखिरी याद बन गई है।
परिजनों का दर्द
डॉ. प्रतीक के कजिन डॉ. चिंतन जोशी ने BBC को बताया, “प्रतीक और कौमी की शादी लगभग 12 साल पहले हुई थी। प्रतीक के पिता डॉ. जयप्रकाश जोशी रेडियोलॉजिस्ट और मां डॉ. अनिता जोशी फिजिशियन हैं, जो बांसवाड़ा में प्रैक्टिस करते हैं। प्रतीक की एक छोटी बहन शुभि जोशी हैं, जिन्होंने MBA किया है।”
कौमी के छोटे भाई प्रबुद्ध व्यास ने कहा, “हम तीन भाई-बहन हैं, और कौमी दीदी सबसे बड़ी थीं। उनके तीनों बच्चे स्कूल जाते थे। उनके माता-पिता, जो अब रिटायर हैं, बांसवाड़ा में रहते हैं। पिता पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर और मां सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं।”
परिजनों ने बताया कि प्रतीक और कौमी के माता-पिता समेत कई रिश्तेदार उन्हें अहमदाबाद हवाई अड्डे पर विदा करने गए थे। प्रतीक का परिवार एक दिन पहले बांसवाड़ा से अहमदाबाद अपने घर पहुंचा था।
चिंतन ने कहा, “हमने मिलकर पैकिंग की और एयरपोर्ट पर उन्हें सी-ऑफ करने गए। हादसे की खबर आने तक हमें केवल आधा घंटा ही हुआ था।” प्रबुद्ध ने बताया, “मीडिया के जरिए हमें हादसे की सूचना मिली। हम तुरंत एयरपोर्ट वापस पहुंचे, जहां अफरा-तफरी थी।
DNA टेस्ट और शवों की पहचान
हादसे के बाद शवों की पहचान के लिए परिजनों ने DNA सैंपल दिए हैं। प्रबुद्ध ने कहा, “डीएनए टेस्ट हो चुका है, और हमें बताया गया है कि रिपोर्ट में 72 घंटे लग सकते हैं। हमने कुछ दस्तावेज और निशानियां फॉरेंसिक जांच के लिए दी हैं। अब प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।”
बांसवाड़ा के जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह यादव और पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने हादसे की खबर मिलते ही परिवार के घर पहुंचकर शोक व्यक्त किया।
प्रतीक का लंदन में बसने का सपना
डॉ. प्रतीक ने कई साल पहले लंदन में बसने का फैसला किया था। उन्होंने FRCS सहित कई मेडिकल परीक्षाएं पास की थीं और भारत के बड़े अस्पतालों में काम किया था।
चिंतन ने बताया, “प्रतीक अपनी शिक्षा और योग्यता के साथ न्याय करना चाहते थे। कोरोना से पहले वह एक साल लंदन में रहे, लेकिन कुछ कारणों से भारत लौट आए। पिछले चार साल से वह लंदन में थे और बच्चों को स्थिर माहौल देने के लिए परिवार को वहां ले जाना चाहते थे।”
हादसे में 241 की मौत
एयर इंडिया फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, 12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ी और 33 सेकंड बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर समेत 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। एकमात्र बचे यात्री, विश्वास कुमार रमेश, सीट 11A पर बैठे थे। हादसे में 11 राजस्थानी नागरिकों की मौत हुई, जिनमें प्रतीक और कौमी का परिवार शामिल है।