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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: सीट 11A का ‘चमत्कार’, 1998 के थाई हादसे से जुड़ा अनोखा संयोग

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Ahmedabad Plane crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुखद हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, लेकिन एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से सीट 11A पर बैठे हुए बच निकला।

इस घटना ने एक अनोखा संयोग सामने लाया, जब थाई सिंगर और अभिनेता रुआंगसाक लोयचुसाक ने खुलासा किया कि 1998 में वह भी थाई एयरवेज फ्लाइट TG261 के हादसे में सीट 11A पर बैठे थे और बच गए थे। यह संयोग सोशल मीडिया और खबरों में चर्चा का विषय बन गया है।

सीट 11A का अनोखा संयोग

47 वर्षीय रुआंगसाक लोयचुसाक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि 11 दिसंबर 1998 को थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261, जो बैंकॉक से सूरत थानी जा रही थी, लैंडिंग के दौरान दलदल में क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 146 लोगों में से 101 की मौत हो गई, जबकि 45 लोग घायल हुए। रुआंगसाक, जो उस समय 20 साल के थे, सीट 11A पर बैठे थे और चमत्कारिक रूप से बच निकले।

जब रुआंगसाक को पता चला कि अहमदाबाद हादसे में एकमात्र बचे विश्वास कुमार रमेश भी सीट 11A पर थे, तो उनके “रोंगटे खड़े हो गए।” उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “भारत में प्लेन क्रैश का एकमात्र बचा व्यक्ति मेरी सीट 11A पर बैठा था। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया।”

रुआंगसाक ने यह भी बताया कि हादसे के बाद उन्हें उड़ान भरने में 10 साल तक डर लगा और वह उस दलदल के पानी की गंध और ध्वनियों को आज भी नहीं भूल पाए।

विश्वास कुमार रमेश, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक, अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में सीट 11A पर बैठे थे। हादसा टेकऑफ के 33 सेकंड बाद हुआ, जब विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया।

विश्वास ने बताया, “टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार धमाका हुआ। जब मैं उठा, मेरे चारों ओर शव थे। मैं डर गया, लेकिन मैंने टूटी खिड़की से कूदकर भाग निकला।” वह अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती हैं और उनके भाई अजय कुमार रमेश, जो उसी फ्लाइट में थे, अभी लापता हैं।

रुआंगसाक के दावे की सत्यता

कुछ लोग रुआंगसाक के दावे पर सवाल उठा सकते हैं, क्योंकि उनके पास 1998 की टिकट नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उस समय की समाचार रिपोर्ट्स में उनकी सीट नंबर 11A का जिक्र किया गया था।

रुआंगसाक ने यह भी कहा कि इस हादसे ने उन्हें “दूसरी जिंदगी” दी, जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन को नए सिरे से जिया। विशेषज्ञों का मानना है कि सीट 11A, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, दोनों हादसों में बचने की संभावना को बढ़ा सकती थी।

क्यों खास है सीट 11A?

विशेषज्ञों के अनुसार, सीट 11A दोनों विमानों में इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, जो विमान के सबसे मजबूत हिस्से ‘विंग बॉक्स’ के नजदीक होती है। अहमदाबाद हादसे में विश्वास की सीट वाला हिस्सा हॉस्टल की छत पर नहीं टकराया, बल्कि जमीन पर गिरा, जिससे उन्हें बचने का मौका मिला।

थाई हादसे में भी रुआंगसाक की सीट के पास का हिस्सा कम क्षतिग्रस्त हुआ था। एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट प्रोफेसर एड गालिया ने इसे “मिरेकल” बताया और कहा कि विश्वास ने तुरंत एक्शन लेकर अपनी जान बचाई।

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