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युवाओं को आतंकी बनने वाले अकरम खान को अज्ञात अपराधियों ने उतारा मौत के….

Murder of Akram Ghazi: खैबर पख्‍तून्‍ख्‍वां में आतंकी अकरम खान (Akram Khan) उर्फ गाजी की अज्ञात हमलावरों ने हत्‍या कर दी है। गाजी कश्‍मीर में युवाओं के भड़का कर, संगठन के लिए उनकी भर्ती करता था।

इसके बाद वह इन युवाओं को आतंकी करतूतों के लिए घुसपैठ कराता था। कुछ लोगों की मानें तो गाजी को सिर पर गोली मारी गई है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। गाजी साल 2018 से 2020 तक लश्‍कर में आतंकियों की भर्ती वाली इकाई का मुखिया था।

कैसे हुई गाजी की मौत?

अकरम खान उर्फ अकरम गाजी को खैबर के बजौर में ढेर किया गया है। अकरम की हत्‍या (Murder) को ISI के साथ ही लश्‍कर के सरगना हाफिज सईद के लिए भी बड़ा झटका बताया जा रहा है।

गाजी लश्‍कर के लिए भारत के खिलाफ सबसे महत्‍वपूर्ण आतंकी था। संगठन का मानना था कि वह भारत के खिलाफ घाटी के युवाओं को काफी प्रभावी तरीके से भड़का सकता था।

व‍ह अक्‍सर भारत के खिलाफ जहर उगलता था। सुत्रों के मुताबिक पिछले दो सालों में कई ग्रुप्‍स में कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने वाले बड़ी संख्या में आतंकवादियों को चरमपंथ की तरफ आकर्षित करता था।

पुलिस ने टारगेट किलिंग बताया

गाजी की हत्या इस साल लश्कर के किसी शीर्ष ऑपरेटिव की तीसरी हत्या और सीमा पार से सक्रिय किसी शीर्ष कमांडर की छठी हत्या (Murder) है। इस साल मार्च में हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

उससे पहले फरवरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने बंदरगाह शहर कराची में अल-बद्र मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसे पुलिस ने एक टारगेट किलिंग बताया था।

इस साल की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट (ICE) के टॉप कमांडर के रूप में काम करने वाले कश्मीरी आतंकी ऐजाज अहमद अहंगर (Aijaz Ahmed Ahangar) की अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हत्‍या हुई थी। बताया गया था कि उसे तालिबान ने मार दिया था।

पाकिस्‍तान मीडिया बोली गुरिल्‍ला किलिंग

इससे पहले रविवार को ही ख्‍वाजा शाहिद जो साल 2018 में भारतीय सेना के सुंजवा मिलिट्री कैंप पर हुए हमले का मास्‍टरमाइंड था, उसकी हत्‍या हुई थी।

शाहिद की सिर कटी लाश पीओके के करीब बरामद हुई थी। गाजी और शाहिद से पहले सितंबर में पीओके के रावलकोट में लश्‍कर के अल कुद्दूस मस्जिद के बाहर लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या हुई थी।

वह भी पीओके में लश्कर की भर्ती का काम संभाल रहा था। कासिम ने कश्मीरी ने घाटी में राजौरी और पुंछ इलाकों में भर्तियों के साथ खुद को एक ‘लॉन्चिंग कमांडर’ (Launching Commander) के रूप में स्थापित किया था। पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से इन सभी हत्‍याओं को ‘इस्लामिक गुरिल्ला टारगेटेड किलिंग’ करार दिया गया है।

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