Bharat Bandh in Jharkhand: झारखंड में बुधवार को देशव्यापी Bharat Bandh और strike का मिला-जुला असर देखा गया। कोयला क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा, जहां coal mining, लोडिंग और ढुलाई 90% तक ठप रही। रांची के दरभंगा हाउस स्थित CCL और CMPDI में कामकाज पूरी तरह बंद रहा। State government के 50% कार्य भी प्रभावित हुए।
CCL, BCCL और ECL में काम ठप, बैंक-इंश्योरेंस सेक्टर भी प्रभावित
CCL, BCCL और ECL जैसी कोयला कंपनियों में काम पूरी तरह रुका। Banking और insurance सेक्टर भी बंद रहे। श्रमिक संगठनों ने 17 सूत्री मांगों के समर्थन में protest किया, जिसमें privatization रोकना, MSP की गारंटी, unorganized sector के लिए सुरक्षा, equal pay for equal work, और मुफ्त स्वास्थ्य-शिक्षा जैसी मांगें शामिल थीं।
बैंकों में कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित, ऑनलाइन सर्विसेज चालू
Public sector Banks में काम आंशिक रूप से प्रभावित रहा। कई जिलों में बैंक कर्मचारी strike में शामिल हुए, लेकिन online banking और ATM services सामान्य रहीं। बोकारो के SAIL plant में ज्यादातर contract workers हड़ताल पर रहे, जबकि HEC में 80% काम ठप रहा। Railway, Municipal corporations और अन्य सेक्टर भी प्रभावित हुए।
15 लाख मजदूरों ने की हड़ताल, 550 करोड़ का कारोबार प्रभावित
राज्य भर में करीब 15 लाख मजदूर और कर्मचारी strike में शामिल हुए। Jharkhand Chamber of Commerce के अध्यक्ष परेश गटटानी ने बताया कि हड़ताल से 550 करोड़ रुपये का business प्रभावित हुआ, जिसमें रांची में 80-100 करोड़ का नुकसान शामिल है।
श्रम कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, रांची में चक्का जाम
रांची, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, चाईबासा और अन्य जिलों में Left parties, trade unions, और opposition parties ने rallies और protests किए। रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर दो घंटे का chakka jam और public meeting आयोजित हुई।
सरकारी बसें चलीं
State transport सेवाएं सामान्य रहीं, हालांकि कुछ रूटों पर protesters के अवरोध से सेवाएं अस्थायी रूप से बाधित हुईं। ज्यादातर government offices में सामान्य उपस्थिति रही, लेकिन कई कर्मचारियों ने strike को नैतिक समर्थन दिया। JMM, Congress, RJD, CPI, CPI(M) और CPI(ML) ने हड़ताल का खुलकर समर्थन किया।
शांतिपूर्ण हड़ताल, मजदूरों ने उठाई केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज
कुल मिलाकर, झारखंड में Bharat Bandh और strike शांतिपूर्ण और संगठित रही। मजदूरों और संगठनों की एकजुटता ने Central government policies के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई।