HomeUncategorizedबंबई उच्च न्यायालय ने BCCI को कहा- उभरते हुए क्रिकेटरों को दें...

बंबई उच्च न्यायालय ने BCCI को कहा- उभरते हुए क्रिकेटरों को दें मूलभूत सुविधाएं

Published on

spot_img

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई), महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) और राज्य अधिकारियों को सोमवार को सार्वजनिक मैदानों पर शौचालय, पीने के पानी और चिकित्सा सहायता जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की हिदायत देते हुए कहा कि ‘‘आपका अगला बड़ा सितारा इन सार्वजनिक मैदानों’’ से आ सकता है।

न्यायमूर्ति अनिल मेनन और एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा कि कई बच्चे और वयस्क राज्य भर में सार्वजनिक मैदानों पर क्रिकेट और अन्य खेल खेलते हैं।

क्रिकेट संघों या नागरिक निकायों (cricket associations or civic bodies) के अंतर्गत आने वाले इन मैदानों में से अधिकांश में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

BCCI और MCA दोनों के आंतरिक मेमोरेंडम में ट्रेनिंग शिविर या क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ऐसे स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का नियम है जहां क्रिकेट का खेल खेला जा रहा हो।

पीठ बंबई उच्च न्यायालय के वकील राहुल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जा सकने योग्य शौचालय तक नहीं

इस मामले में पक्ष (मामले में अपना ही प्रतिनिधित्व कर रहे) के रूप में निजी तौर पर मौजूद तिवारी ने अदालत से कहा कि वह स्वयं भी पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ी (professional cricket player) थे और उन्होंने विभिन्न राज्य और जिला स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया।

तिवारी ने कहा, ‘‘जब कोई अभ्यास के लिए एक सार्वजनिक मैदान बुक करता है तो उसे नागरिक निकाय या उस खेल संघ को शुल्क देना पड़ता है जिसके अधिकार क्षेत्र में मैदान आता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इनमें से अधिकतर मैदान, यहां तक कि जहां पेशेवर क्रिकेट शिविर आयोजित (Professional cricket camp organized) किए जाते हैं, वहां पीने का साफ पानी या खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जा सकने योग्य शौचालय तक नहीं हैं।’’

हालांकि MCA और BCCI के वकीलों ने उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य के अधिकांश सार्वजनिक मैदान नगर निकायों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में भी जहां उन्होंने शिविर या अभ्यास मैच आयोजित किए, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति अक्सर संबंधित नागरिक निकाय या राज्य के अधिकारियों द्वारा अस्वीकार कर दी गई थी। लेकिन इस पर पीठ ने कहा कि ऐसा बयान स्वीकार्य नहीं है।

अदालत ने MCA और BCCI से कहा, ‘‘क्या आपने कभी आवेदन किया है और फिर अनुमति देने से इनकार किया गया है? एक हलफनामा दायर करें।’’

पीठ ने कहा, ‘‘यह कोई विरोधात्मक मुकदमा नहीं है क्योंकि आपको अपना अगला सितारा सार्वजनिक मैदान से मिल सकता है। इतने होनहार बच्चे सार्वजनिक मैदान पर खेल रहे हैं।’’

अदालत ने यह भी कहा कि क्रिकेट संघ और बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने के कारण के रूप में धन की कमी का हवाला नहीं दे सकते।

पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार, BMC, MCA और BCCI को दो सप्ताह के भीतर अपने-अपने हलफनामे दाखिल करने चाहिए जिसमें यह बताया गया हो कि उनके अधिकार क्षेत्र में कितने मैदान हैं और वहां क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

spot_img

Latest articles

दीपक विभार हत्याकांड सुलझा, 3 शूटर्स गिरफ्तार, हथियार बरामद

Deepak Vibhar murder case: पूर्वी सिंहभूम के सिदगोड़ा में दीपावली की रात हुई दीपक...

हजारीबाग पुलिस ने 2 लूटेरों को दबोचा, बुलेट-फोन बरामद

Hazaribagh police arrested two robbers: हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र में मोबाइल छिनतई...

MBBS एडमिशन में फर्जीवाड़ा!, गोड्डा की छात्रा का ST कोटा नामांकन रद्द, FIR की तैयारी

Fraud in MBBS admission: झारखंड के धनबाद में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड...

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा

Jharkhand Assembly winter session: झारखंड में सियासी पारा चढ़ने वाला है! राज्य विधानसभा का...

खबरें और भी हैं...

दीपक विभार हत्याकांड सुलझा, 3 शूटर्स गिरफ्तार, हथियार बरामद

Deepak Vibhar murder case: पूर्वी सिंहभूम के सिदगोड़ा में दीपावली की रात हुई दीपक...

हजारीबाग पुलिस ने 2 लूटेरों को दबोचा, बुलेट-फोन बरामद

Hazaribagh police arrested two robbers: हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र में मोबाइल छिनतई...

MBBS एडमिशन में फर्जीवाड़ा!, गोड्डा की छात्रा का ST कोटा नामांकन रद्द, FIR की तैयारी

Fraud in MBBS admission: झारखंड के धनबाद में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड...