झारखंड

संघर्षों से भरा है 67 साल के चंपई सोरेन के जीवन का सफर, नए CM के रूप में…

Champai Soren’s Life: झारखंड में सरायकेला-खरसांवा (Seraikela-Kharsawan) जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में अपने पिता के साथ खेतों में काम करने से लेकर राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में नाम प्रस्तावित किये जाने तक का 67 वर्षीय चंपई सोरेन का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है।

JMM प्रमुख शिबू सोरेन (Shibu Soren) के वफादार माने जाने वाले राज्य के परिवहन मंत्री Champai Soren को 1990 के दशक में अलग (Jharkhand) राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में योगदान देने को लेकर ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है।

चंपई ने JMM विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद ‘PTI-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अपने पिता (सिमल सोरेन) के साथ खेतों में काम किया करता था…अब किस्मत ने मुझे एक अलग भूमिका निभाने का मौका दिया है।’’

चंपई JMM विधायक दल के नये नेता चुने गए

धन शोधन के एक मामले में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और फिर उनकी गिरफ्तारी होने के बाद चंपई JMM विधायक दल के नये नेता चुने गए।

सरकारी स्कूल से Matriculation तक की पढ़ाई करने वाले Champai की शादी काफी कम उम्र में ही हो गई थी। उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं।

उन्होंने 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की।

इसके चार साल बाद उन्होंने JMM के टिकट पर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) लड़ा और BJP उम्मीदवार पंचू टुडू को हराया था।

वहीं, 2000 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर वह BJP के अनंत राम टुडू से हार गए।

उन्होंने 2005 में, BJP उम्मीदवार को 880 मतों के अंतर से शिकस्त देकर इस सीट पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया।

चंपई ने 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जीत हासिल की।

वह सितंबर 2010 से जनवरी 2013 के बीच अर्जुन मुंडा नीत BJP-JMM गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे।

हेमंत सोरेन ने जब 2019 में राज्य में सरकार बनाई, तब चंपई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बनाये गए।

चंपई का नाम राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया है और एक समर्थन पत्र राज्यपाल CP Radhakrishnan को सौंपा गया है।

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