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एक पौधे में कई-कई गुण, किडनी के स्टोन को तो इस तरह कर देता है चूर-चूर…

Cheap Treatment for Urinary Stones: बहुत से लोग किडनी की समस्या (Kidney Problem) से पीड़ित है। जिसकी कई वजह हो सकती है।

किडनी की समस्याओं में एक सबसे कॉमन और भयंकर बीमारी किडनी में पथरी (Kidney Stones) हो जाना है। ये रोग काफी घातक है, क्योंकि इससे किडनी में छोटी या बड़ी पथरियां बन जाती हैं।

यह पथरियां अक्सर पेशाब के रास्ते (Urinary Tract) में फंस जाती हैं। जिससे पेशाब खुलकर नहीं आ पाता है या पेशाब के समय गंभीर दर्द होता है।

एक पौधे में कई-कई गुण, किडनी के स्टोन को तो इस तरह कर देता है चूर-चूर…-One plant has many properties, it crushes kidney stones like this…

पेशाब की पथरी होने की वजह

पेशाब की पथरी (Urinary Stones) के कई कारण हैं जिनमें पानी की कमी, प्रॉटीन और सॉल्ट का अधिक सेवन, कैल्शियम का अधिक सेवन, जेनेटिक कारण और मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाना आदि हैं।

पेशाब की पथरी होने पर आपको पेशाब करते समय या पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में खून आना, कम पेशाब आना, पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब की इच्छा और कम प्रेशर महसूस होना आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं।लेकिन क्या आपको पता है की इस बीमारी का एक सस्ता आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment) भी है।

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पाषाणभेद का पौधा

किडनी की पथरी का सस्ता इलाज है ये पौधा। आपके आसपास ऐसे कई पेड़-पौधे (Trees & plants) हैं जिन्हें आयुर्वेद में कई गंभीर विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।

उनमें से एक पाषाणभेद का पौधा है। यह भारत में बहुत प्रसिद्ध पौधा है। इसे पत्थरचट्टा, पत्थरतोड़ा, पत्थरचूर आदि नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी (Herb) के रूप में किया जाता है।

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कैसे करें पाषाणभेद का इस्तेमाल

पाषाणभेद की पत्तियों (Petrified Leaves) को पीसकर मोटा चूर्ण बनाया जा सकता है और इससे काढ़ा बनाया जाता है। इसे 40-50 मिलीलीटर की खुराक में दिन में दो या तीन बार लिया जाता है। इससे पेशाब की पथरी का आकार कम हो जाता है और बार-बार होने वाले मूत्र से भी राहत मिलती है।

काढ़ा बनाने के लिए 1 बड़ा चम्मच पाउडर 2 कप पानी में मिक्स करें और इसे अच्छी तरह उबाल लें। जब 1 कप पानी रह जाए तो इसे छान लें और दिन में दो या तीन बार इसे पिएं।

यदि आपको कोई गंभीर समस्या है और आपके किडनी की पथरी (Kidney Stones) की अलग-अलग स्थिति है, और इसके साथ ही कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या भी है, तो खुद से दवा न लें, हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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पाषाणभेद में हैं कई आयुर्वेदिक गुण

1. यह त्रिदोष हर है यानी इसमें सभी त्रिदोषों को बैलेंस (Balance the Tridoshas) करने की क्षमता है
2. इसक शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है
3. इसका विशेष गुण यह है कि यह हल्का और स्निग्धा (तैलीयता) वाला पौधा है
4. इसका प्रमुख काम है अश्मरी भेदन यानी पथरियों को तोड़ना

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पाषाणभेद इन बीमारियों में लाभकारी

1. बार-बार गुर्दे में पथरी होना
2. मूत्र पथ रोग
3. यूटीआई
4. पेशाब करते समय दर्द होना
5. पीठदर्द
6. योनि एवं गर्भाशय से जुड़े रोग
7. बवासीर
8. नींद संबंधी विकार

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पाषाणभेद शब्द का अर्थ

पाषाणभेद (Petrification) शब्द का अर्थ है कि पत्थरों को तोड़ना और यही इस औषधि का मुख्य गुण है। इस्क्स उपयोग पथरी के इलाज में किया जाता है।

इस जड़ी-बूटी में ऐसे औषधीय गुण (Medicinal Properties) होते हैं जो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में मदद करते हैं।

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