Proposal to Remove Gandhiji’s Name from MNREGA: प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) को निरस्त करने के लिए विधेयक लाने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा कि यह कदम बेहद चिंताजनक है और इसे सुनियोजित साजिश के रूप में देखा जाना चाहिए। मनरेगा कोई साधारण योजना नहीं, बल्कि जन आंदोलनों से निकला ऐसा कानून है, जिसने ग्रामीण गरीबों को काम का अधिकार दिया।
गांधी जी के नाम से छेड़छाड़ पर सवाल
राकेश सिन्हा ने कहा कि इस कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाने की कोशिश किसी षड्यंत्र से कम नहीं है। गांधी जी श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और सबसे गरीब लोगों के प्रति नैतिक जिम्मेदारी के प्रतीक रहे हैं। ऐसे में उनके नाम को हटाना भाजपा और आरएसएस की गांधीवादी मूल्यों के प्रति असहजता और अविश्वास को दिखाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक जनकेंद्रित कल्याणकारी कानून से राष्ट्रपिता के जुड़ाव को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
17 दिसंबर को जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने राज्यव्यापी आंदोलन का फैसला लिया है। राकेश सिन्हा ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि 17 दिसंबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं।
इन प्रदर्शनों के जरिए महात्मा गांधी के नाम और उनके मूल्यों को मिटाने की कोशिश के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। साथ ही जनता को यह भी बताया जाएगा कि नया कानून श्रमिकों को किस तरह प्रभावित कर सकता है।
28 दिसंबर को स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम
उन्होंने आगे कहा कि 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के सभी जिलों, मंडलों और गांव स्तर पर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के चित्रों के साथ कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और काम के अधिकार के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को मजबूती से दोहराया जाएगा।




