झारखंड

सरना कोड लागू करने को लेकर 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रेल रोको, चक्का जाम करने का निर्णय

न्यूज़ अरोमा रांची: केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की बैठक मंगलवार को नया टोली बरियातू स्थित सामुदायिक भवन में हुई । बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने किया। बैठक में आदिवासी धर्म कोड-सरना कोड प्रस्ताव पास करने पर चिंतन मंथन किया गया।

केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना कोड- आदिवासी धर्म कोड विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा जाता है तो यह जनता को दिग्भ्रमित करने वाला माना जाएगा।

क्योंकि केंद्र सरकार ऐसे दोहरी धर्म कोड की मान्यता कभी नहीं देगी। झारखंड के आदिवासी हमेशा सरना कोड को लेकर सबसे ज्यादा संघर्ष किए हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार सरना धर्म लिखने वाले लगभग 50,0000 से ज्यादा थे । जबकि आदिवासी धर्म में मात्र 49000 अंकित किया गया था।

सरकार को आदिवासियों के जन भावना के अनुसार केवल सरना कोड केंद्र में भेजना चाहिए। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा आदिवासियों को सरना कोड-आदिवासी कोड पारित होने से ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है और ना ही दुखी होने की जरूरत है।

आदिवासी समाज आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को दबाव डालकर सरना कोड लागू करने को बाध्य कर देगी।

केंद्रीय सरना समिति अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद आदिवासी सेंगेल अभियान 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रेल रोको और चक्का जाम करने का निर्णय लिया है।

महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि सरना कोड फिर राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गया।

सरकार सब को खुश करने के लिए आदिवासी सरना कोड का प्रस्ताव पास कर आदिवासी को फिर से आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया ।यह प्रस्ताव सरना कोड को लटकाने और भटकाने वाला है।

बैठक में केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा , अध्यक्ष अमर तिर्की, ज्योत्सना भगत सहित अन्य शामिल थे।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker