MP Pradeep Verma said in Rajya Sabha: सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा ने मंगलवार को राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर हो रही चर्चा में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बीते 11 वर्षों में सरकार ने लगातार ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे लोकतंत्र (Democracy) की जड़ें और मजबूत हुई हैं। उनके अनुसार, चुनाव सुधार किसी एक दल के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए जरूरी हैं।
चुनाव सुधार क्यों हैं जरूरी
डॉ. वर्मा ने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रक्रिया है। उन्होंने इसे घर में पुराने फर्नीचर या पर्दे बदलने से जोड़ा।
जैसे समय-समय पर घर की चीजें बदली जाती हैं, वैसे ही मतदाता सूची (Voter List) को भी अपडेट करना जरूरी है। इससे गलत नाम हटते हैं और सही मतदाताओं को जोड़ने का मौका मिलता है।
लंबे समय बाद हुआ गहन पुनरीक्षण
उन्होंने बताया कि भारत में 2002 और 2004 के बाद गहन मतदाता पुनरीक्षण नहीं हुआ था। इसी कारण कई ऐसे नाम सूची में बने रहे, जो अब जरूरी नहीं थे, जबकि कई योग्य मतदाताओं के नाम जुड़ नहीं पाए। इसलिए इस प्रक्रिया को शुरू करना जरूरी हो गया था।
बिहार का उदाहरण बना मिसाल
डॉ. वर्मा ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 65 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए और 21 लाख नए मतदाता जोड़े गए।
इसका नतीजा यह रहा कि चुनाव के बाद किसी भी दल ने एक भी बूथ पर पुनर्मतदान की मांग नहीं की। 1951 के बाद पहली बार 67 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
12 राज्यों में चल रहा पुनरीक्षण
उन्होंने बताया कि फिलहाल 12 राज्यों में करीब 51 करोड़ मतदाताओं के बीच पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। इसका मुख्य उद्देश्य डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाना और सही मतदाताओं को जोड़ना है।
अवैध आबादी पर चिंता
सांसद ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग 2 करोड़ लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। यह देश की आंतरिक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और जनसंख्या संतुलन के लिए ठीक नहीं है।




