कोर्ट में पेशी के दौरान ही गैंगस्टर अमन सिंह के मर्डर के थी योजना, वार्ड नंबर 3 में…

ऐसी बातें छन कर सामने आ रही हैं कि दीपावली के आसपास अमन की अपने ही गैंग के गुर्गों के साथ झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता गया

News Aroma

Dhanbad Gangster Aman Singh Murder : उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अमन सिंह (Aman Singh) को कैदी वार्ड नंबर 3 में मौत के घाट उतारने की साजिश को अंतिम रूप दिया गया था।

कोर्ट में पेशी के दौरान ही उसे टपका देना था, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिये पेशी होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

अमन को मारी गई थीं 9 गोलियां

बता दें कि SNMMCH में सोमवार को अमन सिंह के शव का पोस्टमार्टम किया गया। यह खुसासा हुआ है कि उसे कुल 9 गोलियां मारी गई थीं। इनमें से 4 गोली पेट में और 5 सिर में दागी गई थीं।

जो महज 4 इंच की दूरी से चलाई गई थीं. अमन के शरीर में गोलियां के नौ छेद मिले हैं। सिर पर लगी गोली से अमन की मौत हुई थी। पोस्टमार्टम में मजिस्ट्रेट प्रेम कुमार, डॉ. यूके ओझा, डॉ. आफताब आलम, डॉ. मकरध्वज प्रसाद सिकम पैथोलॉजी और फॉरेंसिक के डॉक्टर शामिल थे।

अपने ही गैंग के गुर्गों से हुई थी झड़प

ऐसी बातें छन कर सामने आ रही हैं कि दीपावली के आसपास अमन की अपने ही गैंग के गुर्गों के साथ झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता गया।

Audio Viral कर अमन के मर्डर की जिम्मेदारी लेने वाला अमन के गुर्गे आशीष रंजन उर्फ छोटू को यह डर सताने लगा था कि कहीं अमन उसकी हत्या (Murder) न करा दे।

इस तरह मर्डर को दिया गया अंजाम

इसी डर की वजह से आशीष ने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर अमन की ही हत्या की साजिश रच दी। इसी के तहत ही सुंदर महतो को जेल भेजा गया। आरोपी सुंदर महतो उत्तर प्रदेश का एक शूटर है, जिसका नाम कोई यादव है। उसने जाली पहचान पत्र बनाकर घटना को अंजाम देने की योजना बनाई।

योजना के अनुरूप सुंदर जेल जाने के बाद वार्ड 3 में ही ठहरा, जहां पहले से ही आशीष रंजन का दोस्त अमर रवानी और सतीश गांधी भी मौजूद थे।

उक्त वार्ड में सुंदर के साथ अमर रवानी समेत मात्र पांच लोग ही थे। अमन हत्याकांड में अमर रवानी की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। ये सभी अमन गैंग के ही गुर्गे थे।

जेल सूत्रों की मानें तो हत्या (Murder) से कुछ घंटे पहले जेल के अस्पताल वार्ड में अमन की सतीश गांधी से बकझक हुई थी, जिसमे दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई थी। समझा जाता है कि झड़प के बाद गांधी ने ही सुंदर को उकसाया और सुंदर ने पिस्टल की सारी गोलियां अमन के भीतर खाली कर दीं।

x