झारखंड

डॉ. हर्षवर्धन ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मास्क और साबुन बांटे

नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और इंडियन रेडक्रोस सोसाइटी (ईआरसीएस) के अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों और कुलियों को मास्क और साबुन वितरित किए।

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मास्क लगाने तथा हाथ धोने के महत्व पर बल देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारा सबसे बड़ा हथियार मास्क और सैनिटाइजर है।

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कोविड से हमारी लड़ाई के 11 महीने पूरे होने वाले हैं। तब से स्वयं तथा दूसरों को सुरक्षित रखने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्धांत साफ-सफाई तथा शारीरिक दूरी के बुनियादी सिद्धांतों का पालन करना है।

डॉ. हर्षवर्धन ने समारोह में उपस्थित सभी लोगों के मास्क लगाने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मास्क और साबुन वितरण के पीछे एक बहुत बड़ा संदेश है।

इस संदेश को फैलाना उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न चैनलों तथा गतिविधि के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है।

इसके क्रियान्वयन में भार-वाहकों, टैक्सी यूनियन, थ्री-विलर यूनियन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।

भारत में कोविड की स्थिति के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड मानकों में प्रगति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में सबसे अधिक ठीक होने वाले लोगों की दर भारत में है।

जनवरी, 2020 में हमारे पास एक लैब थी और अब हमारे पास 2165 लैब हैं। दैनिक आधार पर एक मिलियन से अधिक लोगों की जांच की जा रही है।

आज हमने संचित रूप से 14 करोड़ जांच पूरी की। इन सभी बातों से सरकार की प्रतिबद्धता और हमारे कोरोना योद्धाओं का अथक प्रयास दिखता है। महामारी से लड़ने में कोरोना योद्धाओं का योगदान महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम निर्देश से भारत मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर आदि बनाने में आत्मनिर्भर हो गया है।

भारत में रोजाना 10 लाख से अधिक पीपीई किट बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक टीका शोध कार्य में सहायता दे रहे हैं और टीका समय पर उपलब्ध होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों से दो गज की दूरी का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारी छोटी सी अनदेखी या असावधानी गम्भीर समस्या आमंत्रित कर सकती है।

यद्यपि भारत में विश्व की तुलना में मृत्यु दर सबसे कम है लेकिन किसी एक व्यक्ति की जान इस बीमारी से जाती है तो ये उनके मित्रों और परिवार के लिए सबसे बड़ा नुकसान है।

उन्होंने कहा कि ये मेरी भावनात्मक अपील है कि आप सभी अधिक से अधिक लोगों तक इस संदेश को फैलाएं।

आईआरसीएस के महासचिव आर.के. जैन तथा डीआरएम, दिल्ली एस.सी. जैन समारोह में उपस्थित थे।

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