Ranchi : रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मशहूर चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल के ठिकानों पर छापेमारी की है। विदेशी शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के शक में यह कार्रवाई की गई। ईडी को शक है कि शेल कंपनियों के माध्यम से भारी धनराशि इधर-उधर की गई है और इस मामले में जांच अभी जारी है।
तीन शहरों में एक साथ रेड
ईडी की टीमें शुक्रवार सुबह रांची, मुंबई और सूरत में नरेश केजरीवाल, उनके परिवार और व्यापारिक साझेदारों के परिसरों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं। यह कार्रवाई FEMA की धारा 37 के तहत की जा रही है। इस छापेमारी की खबर से राज्य के कारोबारी जगत में हलचल फैल गई है।
आयकर विभाग की पूर्व जांच के बाद कार्रवाई
ईडी की रेड आयकर विभाग की पहले से की गई जांच के आधार पर की गई है। उन जांचों में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। रिपोर्ट में पता चला कि नरेश केजरीवाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नाइजीरिया और अमेरिका में कई अघोषित विदेशी शेल कंपनियों को संचालित कर रहे थे |
विदेशी कंपनियों की पहचान हुई
900 करोड़ की राशि का खुलासा
आयकर विभाग के अनुसार, इन शेल कंपनियों में 900 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। ये रकम किसी वैध स्रोत से मेल नहीं खाती। जांच में यह भी सामने आया कि लगभग 1,500 करोड़ रुपये फर्जी टेलीग्राफिक ट्रांसफर (TT) के जरिए भारत वापस भेजे गए। इससे हवाला और अवैध फंडिंग की आशंका बढ़ गई है।
संपत्तियों का खुलासा नहीं, बढ़ा शक
नरेश केजरीवाल ने इन विदेशी कंपनियों और खातों का अपनी फाइलिंग में उल्लेख नहीं किया। इससे संदेह गहरा गया है कि बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग और धन छिपाने का खेल चल रहा था।
संपत्ति छिपाने का आरोप
ईडी जुटा रही दस्तावेज़ और डेटा
छापेमारी के दौरान ईडी टीम डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट, विदेशी लेनदेन से जुड़े कागज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर रही है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क से और कौन-कौन जुड़े हैं और धन किस रास्ते से घूमता था।
दस्तावेज़ और डेटा जब्त
आगे और खुलासे की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार, मिले हुए दस्तावेज़ों के आधार पर आने वाले दिनों में और लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। अभी ईडी की छापेमारी जारी है और इस मामले ने वित्तीय एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।




