Electricity became expensive in Jharkhand: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) ने बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी है, जो 1 मई 2025 से लागू होंगी। इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 30 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
शहरी क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दर 6.65 रुपये से बढ़कर 6.95 रुपये हो गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.30 रुपये से बढ़कर 6.60 रुपये प्रति यूनिट हो गई है।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिजली दरों में 2 रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि का प्रस्ताव दिया था।
इसमें शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दर को 6.65 रुपये से बढ़ाकर 8.65 रुपये प्रति यूनिट और 100 यूनिट से अधिक खपत पर 200 रुपये मासिक फिक्स्ड चार्ज लगाने की सिफारिश शामिल थी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी 6.30 रुपये से 8.00 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव था।
हालांकि, JSERC ने मार्च 2025 में चाईबासा, धनबाद, देवघर, डाल्टनगंज, और रांची में हुई जन सुनवाई के बाद JBVNL के प्रस्ताव को संशोधित करते हुए केवल 30 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि को मंजूरी दी। फिक्स्ड चार्ज में प्रस्तावित वृद्धि (100 रुपये से 200 रुपये शहरी और 75 रुपये से 150 रुपये ग्रामीण) को भी खारिज कर दिया गया, और यह क्रमशः 100 रुपये और 75 रुपये प्रति माह पर ही रहेगा।
नई दरों का डिटेल, शहरी घरेलू उपभोक्ता
पुरानी दर: 6.65 रुपये प्रति यूनिट
नई दर: 6.95 रुपये प्रति यूनिट
फिक्स्ड चार्ज: 100 रुपये प्रति माह (अपरिवर्तित)
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता
पुरानी दर: 6.30 रुपये प्रति यूनिट
नई दर: 6.60 रुपये प्रति यूनिट
फिक्स्ड चार्ज: 75 रुपये प्रति माह (अपरिवर्तित)
अन्य श्रेणियां भी जानें
डीएस एचटी (आवासीय कॉलोनियां/अपार्टमेंट): 6.25 रुपये प्रति यूनिट (अपरिवर्तित)
वाणिज्यिक (शहरी): 6.65 रुपये प्रति यूनिट (30 पैसे वृद्धि की संभावना)
वाणिज्यिक (ग्रामीण): 6.10 रुपये प्रति यूनिट (30 पैसे वृद्धि की संभावना)
200 यूनिट मुफ्त बिजली
झारखंड सरकार की योजना के तहत 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त है, जिससे 41 लाख से अधिक उपभोक्ताओं (कुल 45.77 लाख में से) को इस वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा।
200-400 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सरकार 2-3 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देती है, जिससे उन्हें आंशिक राहत मिलेगी। हालांकि, 400 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर इस वृद्धि का पूरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि उन्हें कोई सब्सिडी नहीं मिलती।