FIR against 6 JLKM Leaders: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के कुजू प्रक्षेत्र अंतर्गत करमा परियोजना में 4 जुलाई की रात चाल धंसने से चार मजदूरों की मौत के बाद अवैध खनन और आंदोलन को लेकर जमकर राजनीति हुई।
इस मामले में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के नेताओं बिहारी महतो और पनेश्वर महतो सहित 6 लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं।
सुरक्षा प्रभारी यासर अराफात ने कुजू OP में इनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, जान से मारने की धमकी और राजस्व को नुकसान पहुंचाने की FIR दर्ज कराई है।
अवैध खनन और हादस सुरक्षा प्रभारी यासर अराफात ने बताया कि 4 जुलाई की रात गश्ती दल ने महुआ टुंगरी में निरीक्षण के दौरान कई महिलाओं और पुरुषों को अवैध खनन करते देखा।
गश्ती दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन खनन करने वालों ने पथराव किया। दल के हटने के बाद अवैध खनन फिर शुरू हुआ, जिसके दौरान चाल धंसने से चार मजदूरों की मौत हो गई। मलबे से एक शव निकाला गया, जबकि ग्रामीणों ने तीन अन्य शवों को पहले ही निकालकर ले गए।
क्या है मामला?
यासर अराफात ने आरोप लगाया कि JLKM नेताओं बिहारी महतो, पनेश्वर महतो, रवि महतो, रूपा देवी, लीलावती देवी और मोहम्मद मुस्लिम (पिता- लाल मोहम्मद अंसारी, महुआ टुंगरी) ने मृतकों के परिजनों को प्रलोभन देकर करमा परियोजना के मुख्य द्वार पर तीन शव रखकर गेट जाम कर दिया।
इस प्रदर्शन से कार्यालय बंद रहा, जिससे CCL और झारखंड सरकार को लगभग 1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। करमा परियोजना में 2500 टन कोयला और 4000 क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन का उत्पादन रुक गया।
JLKM नेताओं पर शव ले जाने और आंदोलन का आरोप
सुरक्षा प्रभारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी गार्ड और कर्मियों के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, धमकी और राजस्व नुकसान के आरोप में मुस्लिम अंसारी सहित छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। SP मनीष टोप्पो ने बताया कि हादसे में मृतकों के परिजनों को CCL की ओर से 1.70 लाख रुपये और जिला प्रशासन से 30,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।