Dhanbad News: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने रविवार को 8 साल पुराना वो दर्द बाहर निकाला, जिसने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने रोते हुए कहा, “मेरे जीवन का सबसे बड़ा दुख ये है कि मेरे सगे भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में मेरा नाम जोड़ा गया।
हम बचपन से साथ खेलते-कूदते बड़े हुए, एक-दूसरे के सबसे करीब थे। मैं आज तक नहीं समझ पाया कि मुझ पर ये आरोप क्यों लगा?”
2017 की वो खौफनाक रात
2017 में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की चार लोगों समेत गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने तत्कालीन विधायक और सगे भाई संजीव सिंह को ही मुख्य आरोपी बना दिया। संजीव 2017 से 2019 तक जेल में रहे।
“मैंने खुद CBI जांच की मांग की थी”
संजीव ने बताया, “मैंने खुद CBI जांच की मांग की थी ताकि सच सामने आए। 2019 में हाईकोर्ट गया, दो साल केस चला। 2023 में कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा, लेकिन सरकार ने CBI को पार्टी बनाकर कहा – जांच की जरूरत नहीं!”
परिवार से दूरी, राजनीति से किनारा
संजीव ने माना, “राजनीति में आने के बाद परिवार और पत्रकारों से दूरी हो गई थी। अब वो दूरी खत्म कर रहा हूं।” उन्होंने बताया कि जेल से पत्नी और पूर्व विधायक रागिनी सिंह के जरिए संदेश भिजवाया था – “चुनाव हारने के बाद भी जनता के बीच रहो, सेवा करो। हमारा परिवार सिर्फ वोट नहीं, सेवा के लिए जाना जाता है।”
स्वास्थ्य ठीक होने के बाद लेंगे फैसला
स्वास्थ्य को लेकर संजीव बोले, “जब शरीर साथ देगा, तब भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करूंगा। राजनीति में टिके रहना ही बड़ी बात है। बहुत कुछ सहा है, लेकिन सच्चाई एक दिन जरूर सामने आएगी।
“पांच भाई, 13 बहनें – फिर भी टूट गया
आंसुओं को रोकते हुए संजीव ने कहा, “हम पांच भाई और 13 बहनें हैं। इतने बड़े परिवार में ऐसा आरोप लगना मुझे अंदर से तोड़ गया। आज भी नींद नहीं आती।”


