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झारखंड में यहां रुपए नहीं मिलने पर सहारा इंडिया के परेशान निवेशक ने खुलने नहीं दिया कार्यालय

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गिरिडीह: सहारा इंडिया (Sahara India) के निवेशक अपना पैसा पाने के लिए परेशान हैं। लोग अब आंदोलन करने के मूड में हैं। सड़क से लेकर सरकार और सोशल मीडिया से गुहार कर रहे हैं।

वहीं झारखंड के गिरिडीह में इसी तरह का एक मामला सामने आया। सहारा इंडिया के निवेशक बगोदर निवासी पंकज कुमार अकेला ने बैंक खुलने ही नहीं दिया।

यह मामला मंगलवार का बताया जा रहा है। वे बैंक के मेन दरवाजे पर घंटों अड़े रहे। उन्होंने बताया कि वे महीनों से रुपए की निकासी के लिए परेशान हैं।

बैंक में जमा हैं 6 लाख रूपए

बैंक में जमा 6 लाख रूपए में दो किस्तों में मात्र ढाई लाख का भुगतान किया गया है। अब रुपए की निकासी के लिए जाते हैं तब बैंक से रुपए की लेन- देन लॉक होने की बात बह दी जाती है।

उन्होंने कहा कि जब रुपए का लेन- देन लॉक है तब कर्मचारी बैंक में बैठकर क्या करेंगे। इसलिए बैंक खुलने नहीं दिया गया। बताया कि जबतक रुपए का भुगतान नहीं हो जाता है वे शांत से नहीं बैठेंगे।

रुपए नहीं होने की बात कहकर टाल- मटोल किया जाता है

बगोदर मुख्यालय स्थित सहारा इंडिया कार्यालय में रुपए निकालने को लेकर पिछले एक साल से ग्राहकों से आए दिनों किचकिच हो रहा है।

बैंक में जमा किए गए रुपए की अवधि पूरी होने पर रुपए की निकासी के लिए आनेवाले ग्राहकों को बैंक प्रबंधक के द्वारा रुपए नहीं होने की बात कहकर टाल- मटोल किया जाता है या फिर जमा रुपए का कुछ हिस्सा उन्हें देने की बात कही जाती है। इस पर ग्राहक भड़क जा रहे हैं और फिर बहस शुरू हो जाती है। ऐसा कई बार हुआ है।

ऐसे फंस रहा है पेच

इस दौरान वित्त राज्य मंत्री ने कहा था कि सेबी को 81.70 करोड़ रुपये में 53,642 मूल बांड प्रमाणपत्र/पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

सरकार ने यह भी बताया था कि शेष आवेदनों के रिकॉर्ड SIRECL और SHICL द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में ट्रेस करने योग्य नहीं हैं।

अब सहारा ने फिर से सेबी पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने का आरोप लगाया है। इससे पहले भी सहारा इंडिया (Sahara India) की तरफ से ये बात कही जा चुकी है।

सहारा ने पत्र में लिखा है कि वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित हैं। हमें दौड़ने के लिए कहा जाता है लेकिन हमें जंजीरों में बांधकर रखा जाता है।

सेबी ने बताया है पैसा न लौटाने की वजह

पैसे नहीं लौटा पाने पर सेबी की ओर से पहले ही बता दिया गया था कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डेटा ट्रेस नहीं हो रहा है

4 अगस्त 2021 को सेबी की सालाना रिपोर्ट में निवेशकों को 129 करोड़ रुपये लौटाने की बात कही गई थी। उ

स समय नियामक ने यह भी बताया था कि सेबी के खाते में 31 मार्च 2021 तक जमा की गई राशि ब्याज समेत करीब 23,191 करोड़ रुपये है। इससे पहले, सेबी ने कहा था कि जुलाई 2018 के बाद सेबी के किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

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