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पश्चिमी सिंहभूम में राज्यपाल ने ग्रामीणों के साथ किया संवाद

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पश्चिमी सिंहभूम: राज्यपाल CP राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने रविवार को पश्चिमी सिंहभूम (West Singhbhum) जिले में कई कार्यक्रम में शामिल हुए।

सबसे पहले राज्यपाल ने जिला के सदर प्रखंड के मटकमहातु ग्राम में ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के सुदूरवर्ती ग्रामों के दौरा के क्रम में यह देखा है कि यहां की महिलाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं।

वे घर कि चारदिवारी से बाहर निकाल कर स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर हैं।

अब वे अपना व्यवसाय कर रही हैं और उन्हें पैसों के लेनदेन से भय नहीं लगता है। वे अपना निर्णय स्वयं ले रही हैं और अपना एवं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं।पश्चिमी सिंहभूम में राज्यपाल ने ग्रामीणों के साथ किया संवाद Governor interacted with villagers in West Singhbhum

आंगनबाड़ी केन्द्रों में अंडा और दूध देने के संबंध में चर्चा

राज्यपाल ने संवाद के क्रम में आंगनबाड़ी की चर्चा होने पर कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों (Anganwadi Centers) में बच्चों को अंडा और दूध देने के संबंध में उपायुक्त से चर्चा की है।

इससे बच्चों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को गाय एवं मुर्गियां दी जाती हैं।

गौपालक आंगनबाड़ी को दूध आपूर्ति कर सकते है एवं मुर्गीपालक अंडा, इससे उनकी आय में वृद्धि होगी ही एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों की पोषण विकसित होगा।पश्चिमी सिंहभूम में राज्यपाल ने ग्रामीणों के साथ किया संवाद Governor interacted with villagers in West Singhbhum

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे

राज्यपाल ने अपने संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि एक प्रदर्शनी में उन्होंने 1000 से अधिक प्रजाति के आमों को देखा था।

जापान में विशेष प्रकृति के एक आम का कीमत 40000 एवं भारत में 1000 होता है।

यदि हम झारखंड में भी इस तरह का आम उगा सके तो यहां विकास कि एक नई गाथा लिखी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि वे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और वहां इसकी संभावना तलाशेंगे।पश्चिमी सिंहभूम में राज्यपाल ने ग्रामीणों के साथ किया संवाद Governor interacted with villagers in West Singhbhum

चाईबासा में सभी प्रखंड़ों में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे

राज्यपाल ने उपस्थित जनसमूह को कहा कि अपनी जमीन से होने वाली आय एवं बैंक अकाउंट का उपयोग बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अवश्य करें और उन्हे ड्रॉप आउट नहीं होने दें।

सरकार भी इसके लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि चाईबासा जिला झारखंड का एकमात्र ऐसा जिला है जहां के सभी प्रखंड़ों में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं।

संवाद के क्रम में वहां कि मुखिया ने गांव में किए जा रहे विकास कार्यों के सन्दर्भ में अवगत कराया।

मुखिया के द्वारा केज कल्चर से मछ्ली पालन योजना के बारे में बताया गया। यह भी बताया गया कि पहले रोजगार के लिए लोग यहां से पलायन करते थे पर अब यहां का 52 परिवार मछ्ली पालन से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि एक सशक्त एवं कर्मयोगी मुखिया के होने से गांव कि बहुत सारी समस्याओं का समाधान वहीं हो जाता है साथ ही प्रशासन के अधिकारियों को भी योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होती है।

उन्होंने कहा कि बंद पड़े खदानों को तालाब में परिणत कर मछ्लीपालन की यहां व्यापक संभावनाएं है और इसके लिए वे केन्द्रीय राज्यमंत्री एल. मुरूगन को यहां आने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि नई योजनाएं बनाई जा सके और उसके वित्त पोषण भी किया जा सके।

ओपेन जिम का भी निरीक्षण किया

इसके अलावा राज्यपाल ने चाईबासा के मटकमहातु ग्राम में जनसंवाद कार्यक्रम के पश्चात अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय, चाईबासा का भ्रमण किया।

वहां उन्होंने विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों से संवाद कर उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की।

राज्यपाल महोदय ने बच्चों से वीआर लैब से प्राप्त होने वाली शिक्षा के संबंध में भी पूछा।

उन्होंने बालिकाओं के मनोबल बढ़ाया तथा जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने बच्चों को संदेश दिया की इरादा पक्का हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

राज्यपाल महोदय द्वारा पुस्तकालय एवं स्कूल प्रांगण में स्थित ओपेन जिम का भी निरीक्षण किया गया।

एक तालाब के केज कल्चर का अवलोकन किया

राज्यपाल ने चाईबासा भ्रमण के क्रम में कमारहातु ग्राम के एक तालाब के केज कल्चर का अवलोकन किया।

ज्ञात हुआ कि जिस तालाब में मछलीपालन किया जा रहा है, पहले वह एक खादान था।

उन्होंने कहा कि झारखंड के अनुपयोगी खादानों में मछ्लीपालन कर विकास की एक नई गाथा लिखी जा सकती है।

इसके लिए वे माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री एल. मुरूगन का पूरा सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करेंगे।

मछलीपालन की नई योजनाओं के लिए वे उन्हें यहां आने के लिए आमंत्रित करेंगे।

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