हजारीबाग: एक पखवारा बाद आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार राजेश मिश्रा को जमानत मिलने के बाद गुरुवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार से छोड़ा गया। वह देर शाम जेल से बाहर आए।
इस मौके पर आरटीआई एक्टिविस्ट के चहेतों ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया। साथ ही नारे भी लगाए।
आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा ने कहा कि आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना से भू-माफिया और अधिकारियों को परेशानी हो रही थी। इसलिए उन्हें साजिश के तहत फंसा कर जेल भेजने का काम किया गया।
उन्होंने कहा कि आगे भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि अधिकारी और भू-माफिया साथ मिलकर सही काम करने वाले लोगों को फंसाने का काम करते हैं।
यह उन्हें जेल भेजे जाने के मामले से साबित हुआ है।
उल्लेखनीय है कि तीन मार्च को आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को मोटरसाइकिल की डिक्की में अफीम और ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
बाद में पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने पूरे मामले की जांच करते हुए राजेश मिश्रा को साजिश के तहत फंसाए जाने का खुलासा किया।
साथ ही इस मामले में साजिश रचने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस मामले को लेकर सूचना अधिकार रक्षा मंच एवं जेजेए के बैनर तले पत्रकारों और आरटीआई एक्टिविस्टों ने धरना दिया था।
साथ ही पत्रकारों ने डीआईजी से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री के साथ पुलिस महानिदेशक से मिलकर पूरे मामले की जांच की मांग की थी।