Jharkhand Weather: पूर्वी सिंहभूम जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खासकर पटमदा, पोटका, घाटशिला और बहरागोड़ा प्रखंडों के गांवों जैसे महुलडांगरी, बामडोल, गुहियापाल, रंगुनिया और पानीपड़ा में जलजमाव ने सब्जी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खीरा, बैगन, झींगा, लौकी और बरबटी जैसी फसलें खेतों में सड़ रही हैं, जिससे किसानों की मेहनत और निवेश पर पानी फिर गया है।
किसानों की आपबीती
शनिवार को स्थानीय किसानों सौरूप घोष, शिव नाइक, हेमंत पैरा, मतिलाल पैरा, मंगलू नाइक, मानिक दंडपाट, शिबू नाइक और बुधु दंडपाट ने बताया कि इस बार बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती की गई थी। कई खेतों में फसल तैयार होकर कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन जलभराव और कीचड़ के कारण फसल तोड़ना असंभव हो गया।
प्रति बीघा खेती पर औसतन ₹30,000 का खर्च आया, जिसमें जुताई, बीज, खाद, कीटनाशक और सिंचाई शामिल हैं। कुछ किसानों ने खीरे की एक बार कटाई कर बेची, लेकिन बाकी फसल पानी में डूबकर पूरी तरह नष्ट हो गई।
मंडियों पर असर, कीमतों में उछाल की आशंका
फसलों की बर्बादी का असर स्थानीय मंडियों पर भी दिखने लगा है। पहले खीरा ₹30/किलो, बैगन और झींगा ₹40/किलो, और बरबटी ₹60/किलो बिक रहे थे, लेकिन अब आपूर्ति घटने से कीमतों में तेज उछाल की आशंका है। इससे न केवल किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने 18-19 जून को पूर्वी सिंहभूम में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, और 20 जून के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया। खरखई और स्वर्णरेखा नदियों के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिससे जलजमाव की स्थिति और गंभीर हो गई है।




