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हाईकोर्ट ने CID को लगाई फटकार, सरकार पर ठोका 50 लाख का जुर्माना

West Bengal: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court)  ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government)  पर 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका  है।

पश्चिम बंगाल सरकार पर यह जुर्माना भ्रष्टाचार मामले की जांच CBI और ED को सौंपने में विफल रहने के चलते लगाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा  तीन दिनों के भीतर CBI को मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया है।

जानें क्या है मामला

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में एक महिला सहकारी समिति पर 50 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप लगा था। आरोप लगने के बाद महिला सहकारी समिति ने साल 2020 में काम करना बंद कर दिया था।

आरोप है कि रकम जमा करने वाले ने लोगों को पैसे नहीं लौटाए। इस पर हाईकोर्ट ने मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को सौंपने का निर्देश दिया था।

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) ने मामले की जांच CBI और EDको सौंपने का निर्देश दिया था, हालांकि बंगाल सरकार ऐसा करने में विफल रही, जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार पर जुर्माना लगा दिया।

High Court ने जुर्माने की रकम दो हफ्ते में High Court रजिस्ट्रार के पास जमा करने का आदेश दिया है। साथ ही तीन दिनों मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा है।

हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि अगर इस बार सरकार जांच को CBI, ED को सौंपने में विफल रही तो फिर राज्य के मुख्य सचिव को समन भेजकर कोर्ट में बुलाया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि ‘CID लंबे समय से मामले की जांच कर रही है लेकिन अब तक यह पता नहीं चल सका है कि इस अनियमितता के पीछे कौन है। आप गरीब लोगों के पैसे का मजाक उड़ा रहे हैं। आरोपी पहले साइकिल से चलते थे, वो अब गाड़ियों में घूम रहे हैं।’

याचिकाकर्ता ने की थी CBI जांच की मांग

बता दें कि हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच ने बीती 25 अगस्त को मामले की जांच CBI को सौंपने का निर्देश दिया था। दरअसल लोगों के पैसे लेकर ना लौटाने वाले लोगों के खिलाफ सहकारी समिति के अधिकारियों की तरफ से लोन की रिकवरी के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पश्चिम बंगाल पुलिस की CID इसकी जांच कर रही है लेकिन अभी तक जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
हालांकि कोर्ट के आदेश के बावजूद मामले की जांच CBI को नहीं सौंपी गई। जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने सरकार पर जुर्माना लगा दिया है।

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