AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर देंगी कोम्पेला माधवी लता, BJP ने…

News Aroma Desk

Hyderabad Lok Sabha Election: चुनौतियों के बावजूद हैदराबाद लोकसभा (Hyderabad Lok Sabha) सीट पर 40 वर्षों से काबिज असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM को इस बार BJP उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। व्यवसायी व समाजसेवी माधवी लता मुस्लिम-बहुल पुराने शहर में लंबे समय से सक्रिय हैं।

BJP ने शहर स्थित विरिंची हॉस्पिटल्स की चेयरपर्सन कोम्पेला माधवी लता को आगामी चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।

चुनाव में ओवैसी को BJP से जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। BJP नेता ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) से यह सीट छीनने को लेकर आश्वस्त हैं।

एक पेशेवर भरतनाट्यम नृत्यांगना, माधवी लता इसके पहले राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं, लेकिन कई कारकों के कारण BJP ने उन्हें ओवैसी से मुकाबला करने के लिए उनके गढ़ में अपना उम्मीदवार बनाया है।

BJP ने हैदराबाद में कभी भी किसी महिला को मैदान में नहीं उतारा है। माधवी लता के बारे में कहा जाता है कि वह पुराने शहर के कुछ हिस्सों में परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय हैं और पार्टी उनके कार्यों के जरिए मुस्लिम वोटों का फायदा उठाना चाह रही है।

अपने हिंदुत्व समर्थक भाषणों के लिए मशहूर माधवी लता ने तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चलाया था। कहा जाता है कि वह विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों के संपर्क में हैं।

49 वर्षीय लता लाथम्मा फाउंडेशन और लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं और निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद भी करती रहती हैं। वह एक गौशाला भी चलाती हैं।

BJP से टिकट की आकांक्षी रहीं लता ने पहले ही पुराने शहर के कुछ हिस्सों में महिलाओं से मिलना शुरू कर दिया था। पिछले महीने उन्होंने बुर्का पहनी महिलाओं के बीच राशन बांटते हुए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं। कार्यक्रम का आयोजन Lathma Foundation के तत्वावधान में किया गया था।

माधवी लता अपनी संस्था के जरिए, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित करती हैं और अपने मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल से जरूरतमंदों को मदद भी करती हैं।

BJP द्वारा उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में ‘मिशन हैदराबाद पार्लियामेंट’ जोड़ दिया है। उन्होंने हैदराबाद से चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री Narendra Modi, BJP अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, अमित शाह और अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया।

AIMIM की कटु आलोचक, लता कहती हैं कि इस पार्टी ने कभी भी निर्वाचन क्षेत्र में गरीबी और खराब नागरिक सुविधाओं के सुधार का प्रयास नहीं किया।

कोटि महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर, लता उस सफलता की तलाश में हैं, जहां अतीत में वेंकैया नायडू जैसे BJP के दिग्गज असफल रहे थे।

आगामी चुनाव में देशभर में 370 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य तय करने वाली बीजेपी का ध्यान तेलंगाना पर है, जहां उसे 2019 में 17 में से चार सीटें मिली थीं।

पार्टी की नजर राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर है। केंद्रीय मंत्री और राज्य BJP अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने हाल ही में विश्वास जताया कि BJP हैदराबाद को AIMIM से छीन लेगी।

उन्होंने दावा किया कि शहर के अल्पसंख्यक PM मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ने जा रहे किशन रेड्डी ने कहा,“पुराने शहर के लोग बदलाव की तलाश में हैं। विधानसभा चुनाव में, हैदराबाद संसदीय क्षेत्र में BJP का वोट शेयर काफी बढ़ गया, जबकि मजलिस के वोटों में गिरावट आई।”

शनिवार को AIMIM के पुनरुद्धार की 66वीं वर्षगांठ पर, असदुद्दीन ओवैसी ने विश्वास जताया कि वह पहले से अधिक वोटों के साथ सीट बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राज्य या देश में कौन सत्ता में है और किसकी लहर चल रही है, AIMIM ने 1984 के बाद से हर चुनाव में हैदराबाद पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है।

2019 में BJP के भगवंत राव के खिलाफ 2.82 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाले ओवैसी ने 2014 में अपने निकटतम प्रत्याशी को 2.02 लाख वोटों के अंतर से हराया था।

असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी छह बार हैदराबाद से चुने गए थे। 1996 में उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू को हराया था।

2004 में खराब स्वास्थ्य के कारण सलाहुद्दीन ओवैसी ने चुनाव नहीं लड़ा और तब से Asaduddin Owaisi इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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