झारखंड विधानसभा में मंत्री आलमगीर आलम बोले, ‘हम चाहते हैं कि सदन के बाद एक मुशायरा भी करा लिया जाय’

गरीबों के लिए योजना लाया। गांव में लोगों को न्याय मिले इसके लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की। तीन वर्षों में एक नहीं अनेक योजनाएं चलायी।

News Aroma Media

रांची: Jharkhand Assembly में बुधवार को भोजनावकाश (Lunch Break) के बाद गृह, आपदा प्रबंधन, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अनुदान मांग (Demand for Grants) पर चर्चा हुई।

अनुदान मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर (Alamgir) ने कहा कि सदन में आजकल शेरो शायरी बहुत हो रही है।

हम चाहते हैं कि सदन के बाद एक मुशायरा (Mushaira) भी करा लिया जाय। सदन में यह देखा गया कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप हुआ।

सेविका और सहायिका के मामले में हमारी सरकार ने दिया मानदेय

मेरा मानना है कि सदन में विषयों पर सकारात्मक चर्चा (Positive Discussion) होनी चाहिए। 15 दिनों में देखा कि जनता के सवाल गौण रहे।

हमारी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को देखिए, जनता से जो वादा किया उसपर काम किया।

गरीबों के लिए योजना लाया। गांव में लोगों को न्याय मिले इसके लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की। तीन वर्षों में एक नहीं अनेक योजनाएं चलायी।

हमारी सरकार जनता के बीच रहकर काम किया। सेविका और सहायिका के मामले में हमारी सरकार ने मानदेय दिया।

साइबर क्राइम के रोकथाम के लिए सरकार तेजी से कर रही काम

उन्होंने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण OBC को, 1932 खतियान और सरना कोड (Sarna Code) को सदन से पारित कराया लेकिन विपक्ष ने कभी यह कोशिश नहीं किया कि केंद्र सरकार (Central Government) से इसपर सहमति ली जाय।

प्रधानमंत्री आवास के लिए हमारी सरकार ने घोषणा किया था कि और 50 हजार रुपये देंगे लेकिन केंद्र से चालू वित्तीय वर्ष में Allot नहीं हुआ।

2022-23 में सरकार ने कैबिनेट से 568 प्रस्ताव पारित किया है जो जनहित में है। हमारी सरकार संवेदनशील है और जनता की भावनाओं के अनुरूप नीति बना रही है।

विधि व्यवस्था (Order of Law) के मामले में उन्होंने कहा कि राज्य के 300 पुलिस थाने में महिला डेस्क स्टाफ (Female Desk Staff) की व्यवस्था की है। साइबर क्राइम (Cyber Crime) के रोकथाम के लिए भी सरकार तेजी से काम कर रही है।

BJP विधायक बिरंची नारायण ने कहा

BJP विधायक बिरंची नारायण (Biranchi Narayan) ने कहा कि तीन वर्षों में सरकार ने मात्र 357 लोगों को नौकरी दी है।

भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोप में अधिकारी जेल जा रहे हैं और मुख्यमंत्री वैसे अधिकारी को बचाने में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का आलम यह है कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का भी इसकी गिरफ्त में हैं।

राज्य के युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। मुख्यमंत्री से जब नियोजन नीति पर सवाल किया जाता है तो वे इधर-उधर की बात करके निकल जाते हैं।

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