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झारखंड ATS ने BSF के दो जवानों समेत पांच को किया गिरफ्तार, नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई करने का है आरोप

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रांची: झारखंड में नक्सलियों और अपराधियों को हथियारों और गोलियों की सप्लाई करनेवाले गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्हें आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में बीएसएफ का कॉन्स्टेबल कार्तिक बेहरा, बीएसएफ का वीआरएस प्राप्त हवलदार अरुण कुमार सिंह, कुमार गुरलाल ओचवारे, शिवलाल धवल सिंह चौहान और हिरला गुमान सिंह ओचवारे शामिल हैं।

आईजी अभियान एवी होमकर और एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने गुरुवार को संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

इसमें दावा किया गया कि गिरफ्तार किये गये इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 14 पिस्टल, 21 मैगजीन, 9213 राउंड गोलियां, खाली खोखा, डेटोनेटर, बाइक और मोबाइल बरामद किये हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी महाराष्ट्र और पंजाब से हुई है।

झारखंड में सक्रिय उग्रवादी और संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश डीजीपी की ओर से दिया गया है।

उग्रवादी और आपराधिक संगठनों को हथियार और गोलियां उपलब्ध करानेवाले सप्लाई नेटवर्क का पर्दाफाश करने और इस कार्य में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी ने एटीएस को निर्देश दिया था।

इसके बाद एटीएस द्वारा इस नेटवर्क के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है। हाल के दिनों में एटीएस ने झारखंड राज्य के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र राज्य में सघन छापामारी की।

इस दौरान इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले झारखंड में नक्सलियों और अपराधियों को हथियार और गोलियों की सप्लाई करने के आरोप में

सीआरपीएफ जवान सहित तीन लोगों को एटीएस ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों में सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा (29), ऋषि कुमार (49) और पंकज कुमार सिंह (48) शामिल थे। इनकी निशानदेही पर 5.56 एमएम की 450 राउंड गोलियां जब्त की गयी थी।

इसके बाद एटीएस ने 18 नवंबर को धनबाद में कारवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के चिरकुंडा के रहनेवाले कामेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। उसके पास से दो पिस्टल, 14 कारतूस और तीन मैगजीन भी बरामद किये गये थे।

गिरफ्तार हुए इन सभी आरोपियों द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर एटीएस ने कार्रवाई करते हुए चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

अविनाश उर्फ चुन्नू सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन में आरक्षी के रूप में पुलवामा में पदस्थापित था। वह छुट्टी पर घर आने के बाद चार माह से कार्य से अनुपस्थित था। वह वर्ष 2011 में मोकामा ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ में बहाल हुआ था। पूर्व में वह 112वीं बटालियन सीआरपीएफ लातेहार और 204वीं बटालियन कोबरा जगदलपुर में पदस्थापित रहा था।

पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि आरोपियों द्वारा नक्सलियों को भारी संख्या में एके-47 और इनसास रायफल उपलब्ध करायी गयी हैं।

इसके अलावा विभिन्न आपराधिक गिरोहों, जिनमें अमन साहू गिरोह भी शामिल है, को भी हथियार और गोलियां उपलब्ध करायी गयी हैं।

सीआरपीएफ जवान अविनाश अमन साहू के अलावा शेरघाटी जेल में बंद अपराधी हरेंद्र यादव और गया जेल में बंद लल्लू खान भी संपर्क था।

अधिकारियों ने बताया कि छापामारी टीम में सहायक पुलिस अधीक्षक कपिल चौधरी, पुलिस उपाधीक्षक आशुतोष कुमार सत्यम, पुलिस उपाधीक्षक भोला प्रसाद सिंह, पुलिस उपाधीक्षक ज्ञान रंजन, पुलिस उपाधीक्षक मनोज कुमार महतो, अरविंद कुमार, लव कुमार सिंह, बबलू कुमार, आशीष कुमार सिंह सहित एटीएस के सशस्त्र बल शामिल थे।

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