Jharkhand liquor scam: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दो आरोपित अधिकारियों, सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास, को बड़ी राहत मिली है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत ने दोनों को BNSS की धारा 187(2) के तहत जमानत दे दी है। इस मामले में पहले ही IAS अधिकारी विनय चौबे को जमानत मिल चुकी है, और अब इन दोनों अधिकारियों को भी उसी आधार पर राहत दी गई है।
सख्त शर्तों के साथ जमानत, नहीं बदल सकते मोबाइल नंबर
ACB की विशेष अदालत ने सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को सशर्त जमानत दी है। जमानत की शर्तों के तहत दोनों को राज्य से बाहर जाने से पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी और ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते।
इसके अलावा, दोनों को 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके जमा करने का आदेश दिया गया है।
चार्जशीट में देरी बनी जमानत की वजह
इस मामले में ACB की ओर से 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, जिसके चलते सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को डिफॉल्ट जमानत मिली।
दोनों जम्मू-कश्मीर स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के जनरल मैनेजर थे। सुधीर कुमार दास वर्तमान में GM (फाइनेंस) और सुधीर कुमार GM (ऑपरेशंस-कम-फाइनेंस) के पद पर थे।
विनय चौबे को भी मिल चुकी है जमानत
इसी मामले में सीनियर IAS अधिकारी विनय चौबे को 19 अगस्त, 2025 को ACB कोर्ट से जमानत मिली थी। उनकी गिरफ्तारी के 92 दिनों बाद भी ACB चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई, जिसके कारण उन्हें भी BNSS की धारा 187(2) के तहत जमानत दी गई।
हालांकि, विनय चौबे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि वह हजारीबाग में एक अन्य जमीन घोटाला मामले में भी आरोपित हैं।