Homeक्राइमनाबालिग से दुष्कर्म और अपहरण का दोषी आशिक खान को 20 साल...

नाबालिग से दुष्कर्म और अपहरण का दोषी आशिक खान को 20 साल की सजा

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

Jharkhand News: देवघर जिले के सारठ थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर अपहरण करने और दुष्कर्म करने के मामले में दोषी आशिक खान को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

जुर्माना न चुकाने पर दो साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी। महज 18 महीने में इस केस का फैसला आया, जिससे पीड़िता को न्याय मिला।

क्या था पूरा मामला?

सारठ थाना क्षेत्र के केचुआबांक गांव का रहने वाला आशिक खान एक नाबालिग लड़की को गलत नजरों से देखता था और शादी का दबाव बनाता था। लड़की के मना करने पर उसने जान से मारने की धमकी दी। साजिश के तहत उसने लड़की को मधुपुर स्टेशन ले जाकर दिल्ली पहुंचाया। वहां तीन-चार दिन तक उसे रखा और दुष्कर्म किया।

विरोध करने पर आशिक ने शादी का झांसा दिया और दिल्ली कोर्ट में शादी के दस्तावेज बनवाने की कोशिश की। लेकिन लड़की की उम्र 17 साल होने के कारण वकील ने दस्तावेज बनाने से इनकार कर दिया। इसके बाद आशिक ने एक फर्जी दस्तावेज बनवाया, जिसमें लिखा कि लड़की अपनी मर्जी से दिल्ली आई है और उसका अपहरण नहीं हुआ। इस दस्तावेज पर उसने जबरन पीड़िता का हस्ताक्षर भी करवाया।

पुलिस की कार्रवाई

सारठ थाना पुलिस ने इस दौरान आशिक के माता-पिता और भाई को थाने लाकर पूछताछ की। दबाव बढ़ने पर आशिक ने लड़की को दिल्ली से वापस मधुपुर स्टेशन पर छोड़ दिया। पुलिस ने 15 मार्च 2024 को आशिक के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का केस दर्ज किया। जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई और केस का स्पीडी ट्रायल शुरू हुआ।

कोर्ट में क्या हुआ?

पॉक्सो कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अभियोजन पक्ष से 10 गवाहों को पेश किया, जिन्होंने घटना के समर्थन में गवाही दी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रेणु कुमारी ने दलीलें दीं।

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आशिक खान को पॉक्सो एक्ट की धारा-6 के तहत दोषी पाया। उसे 20 साल की सश्रम सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने की राशि पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी।

18 महीने में मिला न्याय

इस मामले में पुलिस और कोर्ट की त्वरित कार्रवाई ने पीड़िता को जल्द न्याय दिलाया। 15 मार्च 2024 को केस दर्ज होने के बाद 18 महीने के भीतर फैसला आना झारखंड में पॉक्सो केसों की तेज सुनवाई का उदाहरण है।

कोर्ट के इस फैसले से न केवल पीड़िता को राहत मिली, बल्कि समाज में सख्त संदेश भी गया है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...