ATS’s historic success!: झारखंड पुलिस का मोस्ट वांटेड कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा को अजरबैजान से प्रत्यर्पित (Extradited) कर शनिवार (23 अगस्त 2025) सुबह रांची लाया गया। झारखंड आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की टीम कड़ी सुरक्षा (Tight Security) के बीच मयंक को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंची।
वहां से उसे रामगढ़ भेजा गया, जहां रामगढ़ कोर्ट में पेशी के बाद ATS उसकी रिमांड (Remand) लेगी। ATS के SP ऋषभ झा खुद मयंक को लाने के लिए अजरबैजान गए थे।
48 मामलों में वांछित अपराधी
झारखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार, मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में कुल 48 मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा केस हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, और हजारीबाग सदर थानों में दर्ज हैं।
इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू, और गिरिडीह में भी मयंक के खिलाफ आपराधिक मामले (Criminal Cases) दर्ज हैं। मयंक ने अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) के लिए उगाही (Extortion) और धमकी देने जैसे संगठित अपराधों को अंजाम दिया।
जानें प्रत्यर्पण की प्रक्रिया
झारखंड ATS ने मयंक सिंह के खिलाफ रामगढ़ के पतरातु (भदानीनगर) थाना कांड संख्या 175/22 में साक्ष्य जुटाकर आरोप पत्र (Chargesheet) दाखिल किया और इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) जारी करवाया। इसके आधार पर 29 अक्टूबर 2024 को मयंक को अजरबैजान के दातु में हिरासत (Detained) में लिया गया।
अजरबैजान सरकार ने प्रत्यर्पण डोजियर (Extradition Dossier) मांगा, जिसे ATS ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से उपलब्ध कराया। 27 जनवरी 2025 को बाकु अपराध न्यायालय ने मयंक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। CBI और इंटरपोल के सहयोग से 22 अगस्त 2025 को मयंक को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।
ATS की ऐतिहासिक कामयाबी
SP ऋषभ झा ने इसे झारखंड पुलिस की पहली सफल प्रत्यर्पण कार्रवाई (First Successful Extradition) करार दिया। उन्होंने कहा, “यह झारखंड पुलिस के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। DGP, मुख्यमंत्री, और केंद्र सरकार के सहयोग से यह संभव हुआ।
मयंक अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का अहम कनेक्शन है। उससे पूछताछ में दोनों गैंगों के नेटवर्क का खुलासा होगा।” मयंक पर छत्तीसगढ़ और राजस्थान पुलिस भी पूछताछ करेगी।
झारखंड पुलिस ने मयंक के खिलाफ दर्ज सभी मामलों की समीक्षा पूरी कर ली है। हजारीबाग, रांची, रामगढ़, पलामू, और गिरिडीह के थानों में सबूत और गवाह जुटाए गए हैं ताकि उसे सजा दिलाई जा सके।
ATS का मानना है कि मयंक की पूछताछ से संगठित अपराध (Organized Crime) के कई बड़े राज खुलेंगे, खासकर अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच संबंधों के बारे में। मयंक ने विदेश से इंटरनेट कॉल्स (Internet Calls) के जरिए कारोबारियों को धमकाने और उगाही का सिलसिला जारी रखा था।